Edited By Updated: 16 Apr, 2017 09:30 PM

उदयपुर उपमंडल के तहत प्राथमिक पाठशाला भुजुंड में कक्षाएं आरंभ होने से पहले ही नवनिर्मित स्कूल भवन गिरने की कगार पर है।
उदयपुर: उदयपुर उपमंडल के तहत प्राथमिक पाठशाला भुजुंड में कक्षाएं आरंभ होने से पहले ही नवनिर्मित स्कूल भवन गिरने की कगार पर है। स्कूल भवन की छत ध्वस्त हो गई है जबकि दीवारों पर झाडिय़ां उग आई हैं। बताया गया है कि स्कूल भवन के निर्माण में बड़ा गड़बड़झाला हुआ है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने माना है कि भुजुंड स्कूल भवन क्षतिग्रस्त हुआ है। हैरत तो यह कि भुजुंड में पढ़ रहे नौनिहाल अपने स्कूल का नाम तक नहीं जानते हैं, उनसे अगर स्कूल का नाम पूछा जाए तो वे स्कूल का नाम युवक मंडल भुजुंड बताते हैं। उनके लिए युवक मंडल भवन ही स्कूल बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक तरह से वे सही भी बताते हैं क्योंकि प्राथमिक स्कूल भुजुंड कई वर्षों से युवक मंडल के भवन में ही चल रहा है और जो स्कूल भवन बना था उसे कई वर्षों से शिक्षा विभाग को हस्तांतरित नहीं किया गया था।
रोहतांग सुरंग को भी छोड़ दिया पीछे
सर्वशिक्षा अभियान के तहत लाखों की लागत से बना स्कूल भवन वर्षों से शिक्षा विभाग को हस्तांतरित क्यों नहीं हुआ, इस पर स्थानीय लोगों ने सवाल खड़े किए हैं। भुजुंड में आर.टी.आई. कार्यकर्ता नरेश व जय राम ने बताया कि यह गड़बड़झाले का परिणाम है कि कई वर्षों तक स्कूल लावारिस रहा। स्कूल भवन की छत ध्वस्त हो गई है। उनका कहना है कि इसका निर्माण 2010 में आरंभ किया गया था, दूसरी तरफ रोहतांग सुरंग का निर्माण भी 2009 में शुरू हुआ था, मतलब साफ है कि इस स्कूल भवन ने रोहतांग सुरंग को भी पीछे छोड़ दिया है। रोहतांग सुरंग आगामी वर्ष तक मुकम्मल हो जाएगी लेकिन भुजुंड का स्कूल बनने के बाद क्षतिग्रस्त भी हो गया लेकिन इसमें कक्षाएं आरंभ नहीं हो सकीं।
आर.टी.आई. से मिली जानकारी में हुआ खुलासा
सूचना के अधिकार के तहत जुटाई गई जानकारी के तहत वर्ष 2013 में स्कूल भवन को निर्माणाधीन अवस्था में दर्शाया गया है। उसके बाद यह भवन न तो विभाग के हवाले किया गया और न ही इसमें कक्षाएं शुरू की गई हैं। अब कक्षाएं बैठने से पहले ही स्कूल भवन की छत भी टूट गई है। इसके निर्माण की गुणवत्ता सवालों के घेरे में रही है, वहीं सरकारी धन का भी जमकर दुरुपयोग हुआ है। उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा केलांग प्रेम नाथ परसीरा ने बताया कि स्कूल भवन का निर्माण सर्वशिक्षा अभियान के तहत हुआ है। भारी बर्फबारी से उसकी छत क्षतिग्रस्त हुई है। यह भवन आज तक शिक्षा विभाग के सुपुर्द क्यों नहीं हुआ, इस तथ्य की उन्हें जानकारी नहीं है।