डाॅक्टरों ने मरीजों को जैनरिक दवाई नहीं लिखी तो होगी कार्रवाई : धनीराम शांडिल

Edited By Vijay, Updated: 07 Mar, 2023 08:43 PM

health minister dhaniram shandil

प्रदेश के प्रमुख अस्पतालों में 50 जनौषधि केंद्र खोले जाएंगे। इनमें जोनल, क्षेत्रीय और सिविल अस्पताल मुख्य तौर पर शामिल होंगे। इससे सुलभ औषधि आम लोगों तक पहुंचेगी तथा लोगों को बेवजह महंगी दवाओं पर अतिरिक्त खर्च से निजात मिलेगी।

शिमला (प्रीति): प्रदेश के प्रमुख अस्पतालों में 50 जनौषधि केंद्र खोले जाएंगे। इनमें जोनल, क्षेत्रीय और सिविल अस्पताल मुख्य तौर पर शामिल होंगे। इससे सुलभ औषधि आम लोगों तक पहुंचेगी तथा लोगों को बेवजह महंगी दवाओं पर अतिरिक्त खर्च से निजात मिलेगी। इसके अलावा डाॅक्टरों को अब मरीजों को जैनरिक दवाइयां लिखनी होंगी। यदि डाॅक्टर मरीजों को जैनरिक की जगह दूसरी महंगी दवाइयां लिखेंगे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. कर्नल धनीराम शांडिल ने राज्य स्तरीय जनौषधि दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जनौषधि केंद्रों पर मिलने वाली दवाइयों की कीमतें बाजार में बिक रहीं दवाइयों की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक कम हैं। इसके चलते देश में वित्त वर्ष 2022-23 में अब तक 1100 करोड़ रुपए की बिक्री प्रधानमंत्री भारतीय जनौषधि केंद्रों से की गई है, जिससे आम जनता के लगभग 6600 करोड़ रुपए बचाए गए हैं। जनसंख्या के अनुपात में हिमाचल की भूमिका इस कार्य में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि सस्ती और प्रभावकारी दवाएं आम लोगों तक आसानी से पहुंचें, इसके लिए प्रदेश सरकार आगामी समय में जनौषधि केंद्रों का विस्तार करेगी। 

ग्लोबल वार्मिंग के कारण स्वास्थ्य पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव
पत्रकारों से बातचीत के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डाॅक्टरों को जैनरिक दवाएं लिखने के निर्देश दिए गए हैं। इसकी निगरानी समय-समय पर सरकार द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग के कारण स्वास्थ्य पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभावों पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से पर्यावरण को बचाने के लिए हरसंभव कार्य करने की अपील भी की।

कार्यक्रम में जनौषधि मित्रों को किया गया सम्मानित 
इस मौके पर स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी ने भी जैनरिक दवाओं पर बल देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में प्रभावी कदम उठाएगा। उन्होंने जनौषधि केंद्रों के जरिए लोगों को दी जा रहीं सस्ती और प्रभावी दवाओं पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में जनौषधि मित्रों को भी सम्मानित किया गया। मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हेमराज बैरवा, निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डाॅ. गोपाल बैरी, निदेशक मेडिकल एजुकेशन डाॅ. रमेश भारती, निदेशक दंत चिकित्सा डाॅ. अजय चौहान, अतिरिक्त निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राजीव कुमार व मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला सुरेखा चोपड़ा सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

डाॅक्टर ने 40 रुपए की जगह लिख दी 400 रुपए की दवाई
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब वह सांसद थे तो उन्हें भी डाॅक्टर ने 40 रुपए की जगह 400 रुपए की दवाई लिख दी। वह इसे स्वयं भुगत चुके हैं। उसके बाद उन्होंने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा है कि इस संंबंध में लोगों को शिकायत के लिए 104 नंबर जारी किया गया है, जिस पर शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा 1 या 2 सप्ताह में ऐसी शिकायतों को सुना जाएगा। 

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