HC ने विद्युत बोर्ड के खिलाफ इस मामले में लिया कड़ा संज्ञान, भविष्य में सचेत रहने की दी नसीहत

Edited By Vijay, Updated: 02 Dec, 2021 10:16 PM

hc took strong cognizance against the electricity board in this matter

प्रदेश उच्च न्यायालय ने विद्युत बोर्ड की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए स्थानांतरण से जुड़े एक मामले में कड़ा संज्ञान लिया है और भविष्य में सचेत रहने की नसीहत दी है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने हरिंदर...

शिमला (मनोहर): प्रदेश उच्च न्यायालय ने विद्युत बोर्ड की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए स्थानांतरण से जुड़े एक मामले में कड़ा संज्ञान लिया है और भविष्य में सचेत रहने की नसीहत दी है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने हरिंदर सिंह द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए यह निर्णय सुनाया। कोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात पाया कि निजी प्रतिवादी को उसकी इच्छा की पोस्टिंग देने के इरादे से प्रार्थी को उसके स्थान पर स्थानांतरित किया गया जबकि निजी प्रतिवादी वर्ष 1998 से शिमला में ही कार्य कर रही है। यही नहीं, उसे पदोन्नति के पश्चात भी शिमला से बाहर स्थानांतरित नहीं किया गया और जब उसे टुटू से बोर्ड सचिवालय के लिए शिमला में ही स्थानांतरित किया गया तो उसने स्थानांतरण आदेश में संशोधन करवाते हुए प्रार्थी का स्थानांतरण बोर्ड सचिवालय के लिए करवा दिया और खुद प्रार्थी के स्थान पर टुटू में समायोजित हो गई।

न्यायालय ने कहा कि इस मामले में विद्युत बोर्ड का आचरण निंदनीय है। इस मामले में विद्युत बोर्ड ने प्रार्थी के साथ पक्षपात किया है। आम तौर पर दिए गए तथ्यों और परिस्थितियों में न्यायालय ने स्पष्ट तौर पर कहा कि निजी प्रतिवादी को दूर-दराज या दूरस्थ क्षेत्र में स्थानांतरित करना चाहिए ताकि वह अन्य कर्मियों की तरह बेचैनी के साथ-साथ अलगाव के दर्द को भी समझ सके। हालांकि निजी प्रतिवादी शीघ्र ही सेवानिवृत्त होने वाली है इस कारण न्यायालय ने उसके खिलाफ  इस तरह के आदेश पारित करना उचित नहीं समझा। हालांकि न्यायालय ने स्पष्ट किया कि अगर विद्युत बोर्ड शीघ्र ही अधीक्षक ग्रेड-2 के स्थानांतरण पर विचार करता है, तब केवल निजी प्रतिवादी होगी जिसे शिमला जिले के बाहर स्थानांतरित करने पर विचार किया जाए। कोर्ट ने कहा कि निजी प्रतिवादी को थोड़ी दूर ही स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया था फिर भी वह सुविधा वाले स्थान के लिए स्थानांतरण आदेश में संशोधन करवाने में कामयाब रही।

प्रार्थी को वर्ष 1992 में लिपिक के रूप में नियुक्त किया गया था और उसके बाद वरिष्ठ सहायक पदोन्नत किया गया। कार्यालय आदेश 30.6.2020 के अनुसार उसे अधीक्षक ग्रेड-2 के पद पर पदोन्नत किया गया था और विद्युत मंडल नाहन से विद्युत सब डिवीजन टुटू के लिए स्थानांतरित होने का आदेश दिया गया। 14 जुलाई, 2020 को उसने टुटू में ज्वाइन किया था। 29.9.2021 के कार्यालय आदेश के अनुसार उसे प्रतिवादी रंजू शर्मा के स्थान पर बोर्ड सचिवालय, शिमला को स्थानांतरित करने का आदेश दिया जिसे प्रार्थी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!