Edited By Vijay, Updated: 24 Nov, 2022 10:14 PM

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारकों को जेबीटी टैट परीक्षा के लिए पात्र करने पर रोक लगा दी है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार से 2 सप्ताह में जवाब तलब किया है।
शिमला (मनोहर): हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारकों को जेबीटी टैट परीक्षा के लिए पात्र करने पर रोक लगा दी है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार से 2 सप्ताह में जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ता मोहित ठाकुर ने हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की 5 नवम्बर को जारी अधिसूचना को चुनौती दी है। इसके तहत बीएड डिग्रीधारकों को जेबीटी टैट परीक्षा के लिए पात्र किया गया था।
गौरतलब है कि कोर्ट ने जेबीटी भर्ती से ही जुड़े एक मामले में फैसला सुनाया था कि एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन किया जाना जरूरी है। अदालत के इस फैसले से जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्रीधारक भी पात्र हो गए थे। बाद में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका में पारित आदेशों के तहत इस फैसले पर रोक लगा दी थी। इस रोक के बाद बीएड डिग्रीधारक फिर से इन पदों के लिए अयोग्य हो गए थे।
प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि एनसीटीई की जिस अधिसूचना के तहत बीएड डिग्रीधारकों को जेबीटी टैट के लिए पात्र किया गया है, उसे राजस्थान हाईकोर्ट भी रद्द कर चुका है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में भी पुनॢवचार याचिका लंबित है। एनसीटीई की 28 जून 2018 की अधिसूचना की वैधता सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है। ऐसे में बीएड धारकों को जेबीटी टैट के लिए पात्र करने का निर्णय सरासर गलत है। मामले पर सुनवाई 15 दिसम्बर को निर्धारित की गई है।
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