Edited By Kuldeep, Updated: 30 Aug, 2024 07:37 PM
कोलकाता में महिला डाक्टर से हुए बलात्कार और निर्मम हत्या के बाद भारत सरकार इस मामले को लेकर काफी गंभीर दिख रही है।
हमीरपुर (अजय चौहान): कोलकाता में महिला डाक्टर से हुए बलात्कार और निर्मम हत्या के बाद भारत सरकार इस मामले को लेकर काफी गंभीर दिख रही है। इस घटना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन और हिंसात्मक घटनाओं के चलते सरकार ने व्यवस्था को सुधारने के लिए एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने सभी चिकित्सा संस्थानों के मुखियों को किसी भी तरह की हिंसात्मक और शारीरिक शोषण समेत अन्य मामलों में घटना के बारे में एफआईआर दर्ज करवाने की जवाबदेही सुनिश्चित कर दी है।
भारत सरकार द्वारा इस बारे स्वास्थ्य विभाग और विभाग के सभी वरिष्ठ आला अधिकारियों को नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी चिकित्सा संस्थान में अगर किसी डाक्टर और हैल्थ वर्कर से शारीरिक हिंसा, डराने, धमकाने और गाली-गलौच की घटना होती है, तब उस स्थिति में संस्थान के मुखिया को एफआईआर हर सूरत में दर्ज करवानी होगी। यही नहीं ऐसे संस्थान के मुखिया को घटना के अधिकतम 6 घंटे के भीतर संस्थागत एफआईआर दर्ज करवाना सुनिश्चित किया गया है।
भारत सरकार के इस अहम फैसले से बिलकुल साफ हो गया है कि संस्थानों के मुखिया ही एफआईआर दर्ज करवाने के जिम्मेदार होंगे। कई मामलों में देखा गया है कि बड़े संस्थानों में किसी अप्रिय घटना घटने की स्थिति में संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी पुलिस और कोर्ट के चक्कर काटने से परहेज करने के चलते एफआईआर दर्ज करवाने को आगे नहीं आते थे। इससे पहले एफआईआर दर्ज करने बारे किसी विशेष अधिकारी की जिम्मेदारी तय नहीं होने के कारण और ऐसे झमेले से बचने के लिए संस्थान के अधिकारी एक-दूसरे पर एफआईआर दर्ज करवाने की बात थोप कर खुद पल्ला झाड़ लेते थे।
अब सरकार की जारी नोटिफिकेशन में साफ कर दिया गया है कि संस्थान के मुखिया ही एफआईआर करवाने के जिम्मेदार होंगे। इसके बारे में डा. राधा-कृष्णन मैडीकल कालेज एवं अस्पताल हमीरपुर के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. अजय शर्मा ने बताया कि ऐसी नोटिफिकेशन उन्हें प्राप्त हुई है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि संस्थान के मुखिया ही एफआईआर दर्ज करवाने के जिम्मेदार होंगे।