Edited By Jyoti M, Updated: 19 Nov, 2024 03:44 PM
एसडीएम हमीरपुर संजीत ठाकुर ने कहा है कि सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों की मदद के लिए हमें तुरंत बेझिझक आगे आना चाहिए। इससे किसी की जान बच सकती है। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की 14वीं वाहिनी नूरपुर द्वारा स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग के...
हमीरपुर। एसडीएम हमीरपुर संजीत ठाकुर ने कहा है कि सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों की मदद के लिए हमें तुरंत बेझिझक आगे आना चाहिए। इससे किसी की जान बच सकती है। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की 14वीं वाहिनी नूरपुर द्वारा स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग के सहयोग से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुठेड़ा में आयोजित एक जागरुकता कार्यक्रम में एसडीएम ने यह अपील की।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उन्हें आपदा से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों और फर्स्ट एड यानि प्राथमिक उपचार की पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए। इससे वे किसी भी तरह की दुर्घटना या अन्य आपात परिस्थितियों में पीड़ित व्यक्ति की तुरंत मदद कर सकते हैं। सड़क दुर्घटनाओं की चर्चा करते हुए एसडीएम ने कहा कि आजकल प्रतिदिन कहीं न कहीं छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इनके शिकार लोगों की मदद के लिए सरकार ने विशेष प्रावधान किए हैं।
उन्होंने बताया कि सड़क पर हिट एंड रन के मामलों में मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये तक की सहायता राशि का प्रावधान है। इसके अलावा अन्य दुर्घटनाओं जैसे ढांक या पेड़ से गिरने, सर्पदंश, पानी में डूबने और अन्य घटनाओं से मौत पर भी चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है।
लेकिन, इन मामलों में एफआईआर अवश्य दर्ज करवानी चाहिए तथा मृतक का पोस्टमार्टम भी करवाया जाना चाहिए, ताकि राहत राशि से संबंधित प्रक्रियाओं को पूर्ण किया जा सके। एसडीएम ने विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन से संबंधित कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी दीं।
इस अवसर पर एनडीआरएफ की 14वीं वाहिनी के बचाव दल के प्रभारी और अन्य सदस्यों ने विद्यार्थियों को आपदा से बचाव और प्राथमिक उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा बचाव कार्यों का अभ्यास भी करवाया। पाठशाला के प्रधानाचार्य ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए एनडीआरएफ और प्रशासन का आभार व्यक्त किया।