Hamirpur:  40 साल बीत गए, लेकिन पक्की नहीं हुई 370 मीटर सड़क, लंबा सफर तय करने को मजबूर चालक

Edited By Jyoti M, Updated: 25 Nov, 2024 11:43 AM

hamirpur 40 years have passed but 370 meters of road is not paved

करीब 40 वर्ष से सुजानपुर-हमीरपुर मुख्य सड़क पर भडमेली जंगल से स्वाहल व चूहक गांवों को चलोखर, री, पटलांदर संपर्क सड़क से जोड़ने वाली करीब 370 मीटर सड़क पक्की नहोने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

सुजानपुर, (अश्वनी): करीब 40 वर्ष से सुजानपुर-हमीरपुर मुख्य सड़क पर भडमेली जंगल से स्वाहल व चूहक गांवों को चलोखर, री, पटलांदर संपर्क सड़क से जोड़ने वाली करीब 370 मीटर सड़क पक्की नहोने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों सूबेदार रघुनाथ सिंह, सूबेदार रूप सिंह, किशोरी लाल, रमेश चंद, जगदीश चंद, सूहडू राम, रतन चंद, कमलेश कुमार, सतीश कुमार, प्रकाश चंद, प्रदीप कुमार, पूर्ण चंद, सुरेश कुमार, राकेश कुमार, सरवन, मान चंद, वार्ड पंच लता धीमान, बीना देवी, अनीता कुमारी, सीमा कुमारी, मनोरमा, सुषमा, रीता, सावित्री, मंगला देवी, पवन कुमार, रुमेल सिंह, हरविंदर सिंह व मीनू देवी ने संयुक्त तौर से बताया कि इस संपर्क सड़क को करीब 40 वर्ष पहले निकला गया है लेकिन सड़क का 370 मीटर हिस्सा कच्चा होने के कारण ग्रामीणों को निजी वाहन ड्राइव करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

ग्रामीणों ने बताया कि एक तरफ जहां मामूली वर्षा होने पर कच्ची सड़क का हिस्सा दल-दल में तबदील हो जाता है वहीं दूसरी तरफ बरसात के मौसम में कच्ची सड़क नाले का रूप धारण कर लेती है। ग्रामीणों ने एकजुट होकर कहा कि इस संपर्क सड़क को पक्का करने के लिए भाजपा व कांग्रेस दोनों सरकारों के जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत करवाया लेकिन दोनों सरकारों के जनप्रतिनिधियों ने उनकी अनदेखी की। 

7 किलोमीटर का ज्यादा सफर तय करने पर मजबूर चालक

ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र के निजी वाहनों के मालिक अपने वाहनों को नुक्सान से बचाने के लिए सुजानपुर-हमीरपुर मुख्य सड़क पर पहुंचने के लिए चलोखर, री, पटलांदर संपर्क सड़क से करीब 7 किलोमीटर का ज्यादा सफर तय करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि कच्ची सड़क में दोपहिया वाहन चालक अपने साथ पीछे किसी सवारी को बिठा नहीं सकते हैं, जिसका मुख्य कारण कच्ची सड़क के साथ संकरी उत्तराई व तीखे मोड़ के कारण वाहन चालक अपना संतुलन को बैठते हैं।

संतुलन खोने से जहां वाहन गिर जाता है तो वहीं वाहन चालक व सवारी को भी चोट आने की प्रबल संभावना बनी रहती है। इससे पहले करीब 5 से 6 वाहन चालक व उनके साथ बैठी सवारियां भी घायल हो चुकी है।

एन.ओ.सी. के लिए वन विभाग को भेजा मामला : एस.डी.ओ.

इस बारे लोक निर्माण विभाग सबडिवीजन सुजानपुर में तैनात एस. डी.ओ. अभिषेक शर्मा ने बताया कि चबूतरा पंचायत द्वारा वन विभाग की परमिशन के बिना सड़क निकाली गई है। सड़क निकालते समय स्थानीय पंचायत ने वन विभाग से परमिशन नहीं ली थी। उन्होंने बताया कि फोरैस्ट कंजर्वेशन एक्ट के तहत स्वीकृति के लिए वन विभाग शिमला को इस केस को भेजा गया है।

एफ.सी.ए. के तहत इस केस को रिजिनल ऑफिस चंडीगढ़ को अप्रूवल के लिए भेजा था जिसमें वन विभाग से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है, जिसमें कहा गया है कि सड़क निकालते समय पंचायत द्वारा किस बात का उल्लंघन किया गया है।

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