सरकार अब नहीं खरीदेगी डीजल व पैट्रोल वाली गाड़ियां, इलैक्ट्रिक वाहनों में सफर करेंगे अधिकारी

Edited By Vijay, Updated: 08 Nov, 2023 11:07 PM

government will no longer buy diesel and petrol vehicles

हिमाचल सरकार अब अधिकारियों के लिए नई डीजल व पैट्रोलव वाली गाड़ियां नहीं खरीदेगी। अधिकारियों को डीजल व पैट्रोल गाड़ियों के स्थान पर इलैक्ट्रिक वाहन दिए जाएंगे। सरकार की राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत बेरोजगार युवा जो इलैक्ट्रिक वाहन खरीदेंगे,...

पुलिस व माइनिंग विंग को रहेगी छूट
शिमला (राजेश): हिमाचल सरकार अब अधिकारियों के लिए नई डीजल व पैट्रोलव वाली गाड़ियां नहीं खरीदेगी। अधिकारियों को डीजल व पैट्रोल गाड़ियों के स्थान पर इलैक्ट्रिक वाहन दिए जाएंगे। सरकार की राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत बेरोजगार युवा जो इलैक्ट्रिक वाहन खरीदेंगे, उन्हें ही विभागों में अटैच किया जाएगा। सरकार ने अधिकारियों को इलैक्ट्रिक वाहन मुहैया करवाने की तैयारी कर ली है। प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम ने इस संबंध में प्रदेश के सभी विभागों को पत्र लिखा है। सरकार द्वारा भेजे गए इन पत्रों में पूछा गया है कि उन्हें कितने वाहन चाहिए। पहले चरण में विभाग कुल 500 वाहन इस योजना के तहत चलाएगा। सरकार ने सभी विभागों में पैट्रोल व डीजल से युक्त नए वाहन को खरीदने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इसके अतिरिक्त पुलिस व माइनिंग विंग को इसमें छूट रहेगी। दोनों विभागों में जिस तरह का कार्य है, उसके अनुरूप ई-गाड़ियां फिट नहीं बैठतीं। इसलिए ये विभाग पैट्रोल व डीजल वाहन खरीद सकेंगे। 

कौन से अधिकारी को कौन सी इलैक्ट्रिक गाड़ी, यह भी तय
योजना के तहत सरकार ने यह भी निर्धारित किया है कि किस मंत्री व सचिव सहित अन्य किस अधिकारी को कौन सी गाड़ी मिलेगी। सचिव व प्रधान सचिव स्तर के अधिकारियों को 20 लाख तक की गाड़ी मिलेगी। ई-वाहनों में इसके लिए हुंडई कोना गाड़ी खरीदी जाएगी, जबकि विभागाध्यक्षों को 18 लाख कीमत तक का वाहन मिलेगा। इसके लिए टाटा नैक्सन गाड़ी तय की गई है। जबकि विभागों व सचिवालय के कॉमन पूल में टाटा टियागो वाहन आएगा। इसकी कीमत 15 लाख रुपए है। राज्य सरकार ने कैबिनेट मंत्रियों के लिए भी यही गाड़ियां खरीदने की योजना तैयार की है।  

व्यक्ति से 5 साल के लिए सरकार करेगी एग्रीमैंट
ई-व्हीकल पॉलिसी के तहत अधिकतम 3 साल का लोन केस बनाया जाएगा। 5 साल के लिए सरकार व्यक्ति से एग्रीमैंट करेगी। इस कॉन्ट्रैक्ट की अवधि से पहले बैंक का लोन भी चुकता हो जाएगा और 2 साल तक व्यक्ति अपनी कमाई भी कर सकता है। जो लोन लेकर वाहन लेगा वही ड्राइवर भी होगा और उसके पास लाइसैंस के साथ 5 साल का अनुभव भी होना जरूरी है। परिवहन विभाग उनका पूरा टैस्ट लेगा, जिसके बाद स्वरोजगार के लिए अपनाई जाने वाली इस योजना का लाभ श्रम एवं रोजगार विभाग देगा।
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