गंभीर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही सरकार, नेताओं व अफसरों की सुविधाओं में होगी कटौती

Edited By Vijay, Updated: 21 Jan, 2023 10:37 PM

government will cut the facilities of leaders and officers

गंभीर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही सरकार ने सरकारी खर्चों में कटौती करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने नेताओं से लेकर अफसरों को दी जाने वाली सुविधाओं में कमी लाए जाने के संकेत दिए हैं।

शिमला (कुलदीप): गंभीर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही सरकार ने सरकारी खर्चों में कटौती करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने नेताओं से लेकर अफसरों को दी जाने वाली सुविधाओं में कमी लाए जाने के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसके लिए अपने मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों से 1 माह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट में मंत्रियों को यह बताना होगा कि उनके विभाग में किस स्तर पर खर्चों को कम किया जा सकता है तथा कहां से राजस्व को लगने वाली चपत कम हो सकती है। सरकारी विभागों के अलावा निगमों व बोर्डों के खर्चों को कम करने के लिए ऐसा ही करने के निर्देश दिए गए हैं। 

कहां से हो सकती है बचत 
सरकारी स्तर पर नेताओं और अधिकारियों को दी जाने वाली सुविधाओं में कटौती कर बड़ी राशि को बचाया जा सकता है। इसके अलावा अवैध खनन को रोककर नीलामी प्रक्रिया के तहत खनन पट्टों का आबंटन करना शामिल है। सरकारी गाड़ियों में डीजल-पैट्रोल के साथ-साथ गाड़ियों के मुरम्मत कार्य में खर्च पर भी नजर रखी जाएगी। अधिकारियों के टूअर प्रोग्राम को कम करके कैसे ऑनलाइन कार्य किया जा सकता है, इसी तरह वैट/कर चोरी रोकने के लिए क्या किया जा सकता है, उस विकल्प को भी तलाशा जाएगा। साथ ही सरकार शराब सहित अन्य तंबाकू उत्पादों को महंगा कर भी अतिरिक्त राजस्व जुटा सकती है।

क्या हैं प्रदेश के वित्तीय हालात
सरकार के अनुसार पूर्व भाजपा सरकार राज्य पर 75 हजार करोड़ रुपए की देनदारियां और 11 हजार करोड़ रुपए की कर्मचारियों की देनदारियां छोड़कर गई है। ऐसे में सरकारी कोष खाली होने के चलते वर्तमान सरकार इसी माह 1500 करोड़ रुपए कर्ज ले रही है ताकि वेतन-पैंशन की अदायगी के अलावा अन्य सरकारी खर्चों को चलाया जा सके। 

1 लाख नौकरियां देने के लिए गठित उपसमिति की बैठक साेमवार को
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक 23 जनवरी को होगी। इसमें प्रदेश में 1 साल के भीतर कैसे युवाओं को 1 लाख नौकरी के अवसर उपलब्ध करवाए जा सकते हैं, इसको लेकर मंथन होगा। यानी मौजूदा वित्तीय संसाधनों के अनुसार सरकारी एवं निजी क्षेत्र में कहां से रोजगार का सृजन हो सकता है, इसको लेकर चर्चा होगी।

1 माह में मंत्री देंगे रिपोर्ट : हर्षवर्धन चौहान
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर सरकारी खर्चों में कटौती करने को लेकर सभी मंत्री 1 माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज एवं कर्मचारी-पैंशनरों की 11 हजार करोड़ रुपए की अदायगियां छोड़कर गई है। ऐसे में प्रदेश को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए राज्य सरकार वित्तीय संसाधन तलाश रही है।

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