Edited By Vijay, Updated: 22 Aug, 2025 12:01 PM

कठिन वित्तीय हालात के बीच राज्य सरकार एक बार फिर से 1500 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। कर्ज की यह राशि 2 अलग-अलग मदों में ली जाएगी। इसमें 1000 करोड़ रुपए 15 वर्ष और 500 करोड़ रुपए 10 वर्ष की अवधि के लिए ऋण के रूप में लिए जाएंगे।
शिमला (कुलदीप): कठिन वित्तीय हालात के बीच राज्य सरकार एक बार फिर से 1500 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। कर्ज की यह राशि 2 अलग-अलग मदों में ली जाएगी। इसमें 1000 करोड़ रुपए 15 वर्ष और 500 करोड़ रुपए 10 वर्ष की अवधि के लिए ऋण के रूप में लिए जाएंगे। इसके लिए नीलामी प्रक्रिया 26 अगस्त को पूरी कर ली जाएगी तथा सरकार के खाते में 28 अगस्त को यह राशि जमा हो जाएगी। राज्य सरकार को 1000 करोड़ रुपए 15 वर्ष बाद 28 अगस्त, 2040 और 500 करोड़ रुपए 10 वर्ष बाद 28 अगस्त, 2035 को लौटाने होंगे। इस तरह 1500 करोड़ रुपए लेने के बाद हिमाचल प्रदेश पर करीब 1,01,575 करोड़ रुपए कर्ज हो जाएगा यानी अब प्रदेश में 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक कर्ज चढ़ चुका है, जो भविष्य के लिए सुखद हालात नहीं हैं। प्रतिकूल हालात के कारण ही राज्य सरकार कर्मचारियों को 15 मई, 2025 से 3 फीसदी डीए देने की घोषणा पर आगे नहीं बढ़ पाई है।
राज्य सरकार को दिसम्बर माह तक 7000 करोड़ रुपए कर्ज लेने की छूट है, जिसमें से अगस्त माह के अंत तक करीब 6700 करोड़ रुपए कर्ज लेने की लिमिट पूरी हो जाएगी। इसके बाद सरकार को महज 300 करोड़ रुपए कर्ज में अपना गुजारा करना होगा। हालांकि राज्य सरकार को भरोसा है कि प्राकृतिक आपदा के चलते केंद्र सरकार से अधिक कर्ज लेने की अनुमति मिल जाएगी। मौजूदा समय में सरकार को प्रति माह करीब 2800 करोड़ रुपए की प्रतिबद्ध देनदारियां निपटानी होती हैं। इसमें वेतन के लिए 2000 करोड़ रुपए, पैंशन के लिए 800 करोड़ रुपए, पहले लिए गए कर्ज के ब्याज की अदायगी के लिए 500 करोड़ रुपए और कुल कर्ज का मूलधन चुकाने के लिए 300 करोड़ रुपए की आवश्यकता रहती है।