Edited By prashant sharma, Updated: 17 Aug, 2020 12:53 PM
लगभग 2613 एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियों को हाईकोर्ट ने रद्द करने के सरकार को आदेश दिए हैं जिससे शिक्षक सड़क पर आ गए हैं। कांग्रेस विधायक और महासचिव विक्रमादित्य सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया है
शिमला (योगराज) : लगभग 2613 एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियों को हाईकोर्ट ने रद्द करने के सरकार को आदेश दिए हैं जिससे शिक्षक सड़क पर आ गए हैं। कांग्रेस विधायक और महासचिव विक्रमादित्य सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार अध्यापकों के पक्ष में कोर्ट में सही दलील नहीं दे सकी जिस वजह से शिक्षकों की नियुक्ति को कोर्ट ने रद्द करने के आदेश दिए हैं जिससे शिक्षक और उनके परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है।सरकार राजनीति से ऊपर उठ कर अध्यापकों के पक्ष में कोर्ट में सही बात रखे ताकि शिक्षकों को कुछ राहत मिल सके।
कांग्रेस महासचिव ने कहा है कि एसएमसी शिक्षकों ने कोरोना महामारी और इससे पहले दूर दराज के क्षेत्रों में बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने का काम किया है। 2012 में इन शिक्षकों को तत्कालीन हालातों को मद्देनजर रखते हुए पूरी पात्रता के आधार पर नियुक्ति दी थी, ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो सके। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के निर्णय का वे भी सम्मान करते हैं लेकिन कोई कानूनी रास्ता अपनाकर शिक्षकों को राहत देने पर सरकार को विचार करना चाहिए।
वहीं उन्होंने कोरोना के मामलों में हर रोज हो रही वृद्धि पर चिंता जाहिर की और सरकार की कोरोना से निपटने की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने का काम नहीं कर रही है साथ बड़ी बड़ी जनसभाएं और कार्यक्रम आयोजित कर प्रदेश के लोगों के बीच सही संदेश नहीं दे रही है। सरकार को इस तरह के कार्यक्रमों को फिलहाल बंद करना चाहिए और कोरोना महामारी से बचने के लिए कदम उठाने चाहिए।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम सरकार विधानसभा के अंदर कुछ अलग बयान देते हैं और बाहर उनकी कार्यशैली कुछ और होती है। अढ़ाई साल में भाजपा सरकार ने केवल कांग्रेस द्वारा किये विकास कार्यों के रिबन काटने का काम किया है और जहां पर कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के नाम उद्घाटन और शिलान्यास पट्टिका पर होते हैं उन्हें उखाड़ने का काम किया जा रहा है। बीते रोज शिमला की टूटीकंडी में भी फुट ओवर ब्रिज का उद्घाटन होना था लेकिन पट्टिका पर स्थानीय कांग्रेस पार्षद का नाम था जिसकी जानकारी मिलने पर मंत्री ने उद्घाटन नहीं किया और पट्टिका को भी उखाड़ दिया। भाजपा सरकार को द्वेष की भावना छोड़ जनहित में काम करना चाहिए।