Una: परिजनों की इस बात से नाराज बच्ची ने बनाया था घर छोड़कर फैक्टरी में काम करने का प्लान

Edited By Vijay, Updated: 25 Aug, 2024 11:29 AM

girl made plan to leave home and work in factory

परिजनों द्वारा मोबाइल के प्रयोग पर रोकटोक से क्षुब्ध होकर और पढ़ाई न करने की चाहत के चलते ऊना शहर से 3 बच्चे घर से फरार हो गए थे।

ऊना (विशाल स्याल): परिजनों द्वारा मोबाइल के प्रयोग पर रोकटोक से क्षुब्ध होकर और पढ़ाई न करने की चाहत के चलते ऊना शहर से 3 बच्चे घर से फरार हो गए थे। तीनों बच्चे पढ़ाई कर रहे थे और परिजन भी उन्हें अच्छे पदों पर देखने की चाहत में उन्हें मोबाइल का कम प्रयोग करने और पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करते थे। इसी से क्षुब्ध होकर तीनों बच्चों में सबसे बड़ी उम्र की बच्ची ने प्लान बनाया और उसमें न केवल अपने सगे भाई को शामिल कर लिया, बल्कि पड़ोसी के बच्चे को भी साथ ले लिया। यह खुलासा पुलिस की जांच में हुआ है। ऊना शहर में पिछले कई वर्षों से एक प्रवासी का परिवार रह रहा है, जिसका मुखिया ठेकेदार बन चुका है और उसके बेटा व बेटी यहीं रहकर पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि उसकी पत्नी गृहिणी है। बेटी 10वीं की छात्रा है और उसकी परीक्षा में कम्पार्टमैंट आई है, जबकि बेटा 7वीं कक्षा का छात्र है। बेटी को कम्पार्टमैंट को क्लीयर करने और आगे पढ़ाई के लिए परिवार कहता था, जिससे बेटी परेशान हो गई और परिवार से गुस्सा हो गई। 

रक्षाबंधन पर मिले पैसों से पहुंच गए कालाअम्ब
बेटी ने प्लान बनाया, जिसके तहत किसी फैक्टरी में काम करके पैसे कमाकर अपने पैरों पर खड़ा होना लक्ष्य बना लिया। वहीं पैसे कमाकर मोबाइल लेना और उसका जमकर प्रयोग करना भी ध्येय बना लिया, ताकि किसी की रोकटोक न हो। 19 अगस्त को रक्षाबंधन पर उसे लगभग 2 हजार रुपए मिले, जिसके बाद उसने अपने सगे भाई और पड़ोसी के बच्चे को भी अपने प्लान में शामिल कर लिया। रक्षाबंधन से मिले पैसों के सहारे वह ट्यूशन के बहाने निकले और बैगों में अपने कपड़े व जरूरी सामान रख लिया। बच्चों को किसी से पता लगा था कि बद्दी, कालाअम्ब व दिल्ली आदि में बहुत सी फैक्टरियां हैं, जिनमें कामगारों की बहुत जरूरत होती है। इसी के तहत वे तीनों किराया खर्च करके ऊना बस स्टैंड से नंगल के लिए बस पकड़ी फिर सीधे चंडीगढ़ जा पहुंचे। जहां से वे नाहन की बस लेकर कालाअम्ब पहुंचे। एक रात उनकी सफर में कट गई, जबकि अन्य रातें वे रेन शैल्टरों में सोए। कुछ उद्योगों में उन्होंने काम भी मांगा लेकर उम्र छोटी होने के कारण उन्हें किसी ने काम नहीं दिया। 

ऐसे लगा बच्चों के बारे में पता
तीनों बच्चों के लापता होने पर परिवार की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और सिटी चौकी ऊना के एएसआई जमालदीन को जांच का जिम्मा सौंपा गया। उनकी टीम में कांस्टेबल अनीता और देसराज को भी शामिल किया गया। सोशल मीडिया पर बच्चों की तस्वीरें तेजी से वायरल हो गईं, जिसके बाद तीनों के चंडीगढ़ में होने का पता चला। पुलिस टीम ने चंडीगढ़ में सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, जिसमें वे तीनों नाहन की बस में जाते दिखे। इसके बाद उन्हें कालाअम्ब से किसी का फोन आया, जिसने इन बच्चों को वहां पाया था। एसपी राकेश सिंह ने बताया कि बच्चों के अदालत के समक्ष भी बयान करवाए गए हैं और उन्हें उनके मां-बाप के सुपुर्द कर दिया है।

3 बच्चे अभी भी हैं लापता
गौरतलब है कि पिछले लगभग एक माह में लगभग 22 बच्चे घरों से लापता हुए हैं, जिनमें से 2 की मौत हो गई है, जबकि 3 अभी लापता हैं। पिछले कल भी देहलां से एक नाबालिगा लापता हो गई है, जिसके चलते पुलिस ने मामला दर्ज किया है। अधिकतर मामलों में मोबाइल के प्रयोग पर रोकटोक से क्षुब्ध बच्चे ही घरों को छोड़कर जा रहे हैं।
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