Edited By Vijay, Updated: 23 May, 2023 10:22 PM

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर स्थित रामपुर की अदालत ने हत्या के मामले में 4 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन आरोपियों में चमन लाल (30) पुत्र सोहन लाल, मोहन लाल (29) पुत्र कृष्ण चंद, गोबिंद सिंह (32) पुत्र नाथू राम, सुनील...
रामपुर बुशहर (नोगल): अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर स्थित रामपुर की अदालत ने हत्या के मामले में 4 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इन आरोपियों में चमन लाल (30) पुत्र सोहन लाल, मोहन लाल (29) पुत्र कृष्ण चंद, गोबिंद सिंह (32) पुत्र नाथू राम, सुनील पुत्र रमेश चंद शामिल हैं। चारों आरोपी गांव मझेवटी डाकघर देवनगर तहसील रामपुर बुशहर, जिला शिमला के रहने वाले हैं। आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ 2 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना राशि मृतक के आश्रितों को अदा करने के आदेश भी दिए गए।
मामले की पैरवी उप-जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने की। उन्होंने बताया कि 5 नवम्बर, 2015 को चमन लाल पुत्र दीनानाथ निवासी गांव कतमोरी लांज, डाकघर ऊर्टू तहसील निरमंड, जिला कुल्लू अपने दोस्तों के साथ उसके सहकर्मी की शादी में गांव फौला गया हुआ था। चमन व उसके सहकर्मी दत्तनगर मिल्क प्लांट में काम करते थे। शादी में शराब पीकर डीजे की धुनों पर नाच रहे थे। कुछेक समय बाद चमन, उसके दोस्त व आरोपी शराब पीने बैठ गए जहां पर चमन व उसके दोस्त का आरोपियों के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। इस मारपीट में चमन व उसके दोस्त को मार पड़ी। उसके बाद चमन व उसका दोस्त घर के लिए चल पड़े। जब वे सड़क पर पहुंचे तो 3 आरोपी उन्हें भरेढ़ीनाला के पास मिले और उनके साथ मारपीट की जहां से चमन कहीं भाग गया व उसके दोस्त देवराज को गाड़ी में बैठा कर ले गए। इसके बाद चमन की तलाश की। इसके थोड़ी देर के बाद उन्होंने देवराज को गाड़ी से बाहर फैंक दिया। चारों आरोपियों को प्रात: 3 बजे तक उसी सड़क में घूमते हुए देखा गया।
चमन के रातभर घर न आने पर मां ने रामपुर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने मौके पर आकर युवक की तलाश की। 2 दिन बाद युवक के शव को सड़क से काफी नीचे पत्थरों के बीच में बरामद किया गया। इसके बाद पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ धारा 302 के तहत हत्या का मुकद्दमा दर्ज किया। इस मामले की छानबीन होने के उपरांत पुलिस ने मामले को न्यायालय में पेश किया। अदालत में पुलिस ने 21 गवाहों के साक्ष्य दर्ज करवाए। अदालत ने सभी गवाहों के बयान व वैज्ञानिक साक्ष्य के आरोपियों को चमन कुमार की हत्या का दोषी पाया, जिस पर उनको उम्रकैद व जुर्माने की सजा सुनाई गई।
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