पूर्व विधायक अजय महाजन ने फोरलेन प्रभावितों को गुमराह करने का लगाया आरोप

Edited By prashant sharma, Updated: 30 Mar, 2021 02:14 PM

former mla ajay mahajan accused of misleading forelane affected

पूर्व विधायक व मौजूदा कांग्रेस जिलाध्यक्ष कांगड़ा से अजय महाजन ने आज एक पत्रकार वार्ता को संबोधित नूपरपुर के विधायक पर फोरलेन प्रभावितों को गुमराह करने के आरोप लगाए हैं।

नूरपुर (संजीव महाजन) : पूर्व विधायक व मौजूदा कांग्रेस जिलाध्यक्ष कांगड़ा से अजय महाजन ने आज एक पत्रकार वार्ता को संबोधित नूपरपुर के विधायक पर फोरलेन प्रभावितों को गुमराह करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार में वन मंत्री ने पूर्व में एक बयान दिया था कि फोरलेन पीड़ितों की मुआवजा राशि का मुद्दा जोर शोर से विधानभा में उठाऊंगा और सरकार से उचित मुआवजा कंडवाल से भेड़ खड़ के प्रभावितों को दिलवा कर रहूंगा, यदि सरकार नहीं मानती है तो मैं मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दूंगा।  अजय महाजन ने कहा कि वन मंत्री आप पूर्णतया अपनी घोषणा में विफल रहे हो। आपको 4000 परिवारों की भावनाओं से खिलवाड़ करने का कोई हक न है। यदि आप नूरपुर की जनता की भावनाओं की कद्र करते है तो अपनी घोषणा के अनुसार निसंकोच मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे देना चाहिए। 

नूरपुर की जनता त्रस्त है और आप मात्र और मात्र भवन निर्माणों, निजी संस्थानों के निर्माण को तवज्जों दे रहे हैं, क्या नूरपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता के प्रति आपका दायित्व आप सता सुख में भूल चुके हो ? साढ़े तीन वर्षो का यदि नूरपुर विधानसभा क्षेत्र का लेखा जोखा उठाया जाए तो नूरपुर को सरकार की ओर से मात्र आश्वासन ही मिले है। करीब तीन वर्ष से फोर लेन प्रभावितों द्वारा उचित मुआवजे की जायज मांग 4000 परिवारों द्वारा की जा रही है लेकिन सरकार, प्रशासन केवल आश्वासन देते चले आ रहे है। 

बतौर पूर्व विधायक कई मर्तबा एडीएम नूरपुर जिला उपायुक्त कांगड़ा को प्रभावितों की स्थिति से अवगत करवा चुका हूं जिसमें काला नूरपुर द्वारा अधिग्रहण की जा रही भूमि का मुआवजा राशि का निर्धारण करने में भू अधिग्रहण कानून 2013 का पूर्णतया उल्लंघन हुआ है अवहेलना हुई है यहां तक कि भू अधिग्रहण कानून 2013  में प्रभावितो के अधिकारों को सुरक्षित रखने का प्रावधान है लेकिन मुआवजा आंकलन निर्धारण के समय उन बिंदुओ को छुआ तक नहीं है जो कि सरासर प्रथम चरण कंडवाल से सिहूनी तक के 4000 परिवारों के साथ जबरदस्त धोखा है। काला नूरपुर द्वारा एनएचएआई कानून 1956 को ही मुआवजा राशि निर्धारण में पूर्णतया तव्वज्जों दी गई है जबकि भू अधिग्रहण कानून 2013 की अधिकतम धाराओं का उल्लंघन किया गया है। देश की सबसे बड़ी पंचायत के 542 एमपी नुमाइंदों द्वारा पारित कानून की धज्जियां उड़ाई गई है। मेरी प्रशासन से चेतावनी रहेगी कि यदि सरकार नूरपुर में हुए मुआवजा राशि के निर्धारण में खामियों को अतिशीघ्र पुनर्निर्धारण के आदेश नहीं देती है तो मै बतौर पूर्व विधायक फोर लेन प्रभावितों के साथ धरना प्रदर्शन का नेतृत्व करूंगा।
 

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