Chamba: कसमल की जड़ों की तस्करी पर वन विभाग ने कसा शिकंजा, झुलाड़ा-कुठेड़ में जब्त की खेप

Edited By Vijay, Updated: 18 Dec, 2024 12:45 PM

forest department confiscated the roots of kasmal

वन विभाग की टीम ने झुलाड़ा-कुठेड़ में बिना लाइसैंस के ले जाई जा रही कसमल की जड़ों की खेप को बरामद किया है। वन विभाग को इस बारे में स्थानीय लोगों की सूचना मिली थी....

चम्बा (रणवीर): वन विभाग की टीम ने झुलाड़ा-कुठेड़ में बिना लाइसैंस के ले जाई जा रही कसमल की जड़ों की खेप को बरामद किया है। वन विभाग को इस बारे में स्थानीय लोगों की सूचना मिली थी, जिस पर आरओ मसरूंड जगजीत चावला की अगुवाई में टीम ने इसे जब्त किया तथा करीब साढे़ 57 हजार रुपए जुर्माना भी किया गया। इस दौरान टीम ने कसमल को उखाड़ने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले औजारों को भी जब्त किया है। 

विभाग ने दी सख्त हिदायत
वन विभाग की इस कार्रवाई से इस कार्य में लगे लोगों में हड़कंप मच गया है। आमतौर पर यही देखा जाता है कि लोग निजी भूमि की अनुमति लेकर सरकारी भूमि से इन जड़ों को निकालते हैं, ऐसे में विभाग ने सख्त हिदायत दी है कि कसमल की जड़ों को केवल निजी भूमि से ही निकाला जा सकता है और इसके लिए लाइसैंस प्राप्त करना अनिवार्य है। अवैध रूप से इन जड़ों को निकालने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है इस्तेमाल 
गौरतलब है कि वन भूमि व चारागाह से कसमल निकालने का काम बेखौफ चला हुआ है। कसमल की जड़ मधुमेह के लिए बेहद कारगर होती है। इसके अलावा बुखार, पीलिया, शूगर, नेत्र आदि रोगों के इलाज में भी ये फायदेमंद है। होम्योपैथी में बरबरिस नाम से दवा बनाई जाती है। कसमल के पौधे में एन्टी डायबिटिक, एन्टी इंफ्लेमेटरी, एन्टी ट्यूमर, एन्टी वायरल और एन्टी बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं। डायबिटीज के इलाज में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। 
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