भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाइन में जगातखाना सुरंग का पहला पैच ब्रेकथ्रू

Edited By Vijay, Updated: 30 Nov, 2022 11:30 PM

first patch breakthrough of jagatkhana tunnel in bhanupalli bilaspur rail line

भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन का निर्माण कार्य तेज गति से चला हुआ है। इस कार्य में एफ. कॉन कंपनी 3 टनल बना रही है जिनमें से टनल नंबर 13 का 150 मीटर लंबा पहला पैच बुधवार को ब्रेकथ्रू हो गया। यह जगातखाना-धनसोई सुरंग कुल 1900 मीटर लंबी बन रही है।

बिलासपुर (विशाल): भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन का निर्माण कार्य तेज गति से चला हुआ है। इस कार्य में एफ. कॉन कंपनी 3 टनल बना रही है जिनमें से टनल नंबर 13 का 150 मीटर लंबा पहला पैच बुधवार को ब्रेकथ्रू हो गया। यह जगातखाना-धनसोई सुरंग कुल 1900 मीटर लंबी बन रही है। गत अगस्त माह में इस पैच का निर्माण शुरू किया गया था व नवम्बर में ही इसे पूरा कर लिया गया है। रेलवे विकास लिमिटेड के संयुक्त महाप्रबंधक अनमोल नागपाल इस ब्रेकथ्रू के समय विशेष रूप से उपस्थित रहे। वहीं यह ब्रेकथ्रू एफ. कॉन कंपनी के प्रोजैक्ट समन्वयक सुनील त्यागी की देख-रेख में पूर्ण हुआ। उस समय एफ. कॉन कंपनी के परियोजना प्रबंधक उमेश अग्रवाल व कंपनी के प्रशासनिक एवं मानव संसाधन अधिकारी संतोष कुमार भी विशेष रूप से मौजूद थे। कंपनी के सैंकड़ों कर्मचारियों व इंजीनियर्ज ने इस टनल के ब्रेकथ्रू के इस समय मौजूद रहे। 

पहला फेज भानुपल्ली से बिलासपुर-बरमाणा तक
भानुपल्ली से लेह के लिए सामरिक, व्यापारिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस रेल लाइन के निर्माण कार्य का पहला फेज भानुपल्ली से बिलासपुर-बरमाणा तक चल रहा है। पहले फेज में यह रेल लाइन 52 किलोमीटर लंबी बनाई जा रही है। इस प्रथम फेज की परियोजना लागत 7 हजार करोड़ रुपए है। इसमें भानुपल्ली से लेकर बिलासपुर शहर तक रेल लाइन निर्माण में आने वाली अधिकतर जमीन का अधिग्रहण हो चुका है तथा बिलासपुर से बरमाणा तक जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। 

20 सुरंगों व 26 बड़े पुलों का होगा निर्माण
भानुपल्ली से बरमाणा तक 52 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन में 20 सुरंगों व 26 बड़े पुलों का निर्माण किया जाना है जिनमें से 7 सुरंगें ब्रेकथ्रू हो चुकी हैं। इन बन चुकी सुरंगों में 3 सुरंगें पंजाब क्षेत्र में व 4 सुरंगें हिमाचल में आती हैं। 

भानुपल्ली से बरमाणा तक बनेंगे 7 रेलवे स्टेशन
वहीं भानुपल्ली से बरमाणा तक कुल 7 रेलवे स्टेशन बनेंगे जिनमें बिलासपुर व बरमाणा मुख्य रेलवे स्टेशन होंगे। इसके अतिरिक्त पंजाब क्षेत्र भानू-पल्ली, धालू, पहाड़पुर,धरोट व जगातखाना में रेलवे स्टेशन बनेंगे। हर रेलवे स्टेशन पर रेल की तीन लाइनें होंगी जिनमें से दो लाइनें दायें-बायें प्लेटफॉर्म के साथ रेल पहुंचाने के लिए होगी तथा इन दोनों रेलवे लाइनों के बीच से मेन रेलवे लाइन गुजरेगी। 

12  पुलों का निर्माण कार्य प्रगति पर 
इस रेलवे लाइन में बरमाणा तक बनने वाले 26 पुलों में से 12 पुलों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है व अन्य पुलों के निर्माण के लिए भी रेलवे विकास निगम बोर्ड ने टैंडर आमंत्रित कर लिए गए हैं। इस रेलवे लाइन पर सबसे लंबी सुरंग मैहला में बनेगी जो 4 किलोमीटर लंबी होगी। इस मैहला सुरंग का निर्माण कार्य भी जोरों से चल रहा है। भानू-पल्ली से बिलासपुर आ रही इस रेलवे लाइन में पंजाब वाले क्षेत्र में रेल की पटरी बिछाने से पहले उसका बैड बनाने का कार्य शुरू हो चुका है। इस कार्य के बाद साथ ही रेलवे ट्रैक बिछाने का कार्य भी शुरू हो जाएगा। इन सभी सुरंगों में रोशनी की व्यवस्था तो रहेगी साथ में आपातकाल की स्थिति में मदद हेतु पैदल पथ भी सुरंगों के दोनों तरफ बनेगा। यदि कभी किसी कारणवश दुर्घटना के समय अवश्यकता पड़ती है तो यात्री इस पैदल पथ का प्रयोग कर सुरंग से बाहर आ पाएंगे। 

टर्की से आए भू विशेषज्ञ की देखरेख में हो रहा निर्माण कार्य
इस निर्माण कार्य में जमीन, मिट्टी, पत्थर इत्यादि का भी पूरा अध्ययन किया जाता है। इसके लिए उत्तर क्षेत्रीय रेलवे ने अलग से कंपनी को कार्य दिया है। जिसके टर्की से आए इंजीनियर सीहट सागानेक लगातार सुरंगों की साइट पर अध्ययन कर रहे हैं तथा उन्हें के सर्वेक्षण के आधार पर टनल के निर्माण कार्य में सामग्री प्रयोग की जा रही है। 

क्या बोले एफ.कॉन कंपनी के प्रोजैक्ट समन्वयक
एफ.कॉन कंपनी के प्रोजैक्ट समन्वयक सुनील त्यागी ने बताया कि टनल के निर्माण कार्य में सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। सुरंग नंबर-13 के इस 150 मीटर पैच के निर्माण में करीब 15 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। पूरी सुरंग के निर्माण में करीब 300 करोड़ रुपए लागत आएगी। नवम्बर, 2024 तक एफ.कॉन कंपनी सुरंग नंबर-11, 12 व सुरंग नंबर-13 तीनों का निर्माण कर देगी।

क्या कहते हैं रेलवे विकास निगम लिमिटेड के संयुक्त महाप्रबंधक
रेलवे विकास निगम लिमिटेड के संयुक्त महाप्रबंधक अनमोल नागपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्य होने के कारण इसकी भौगोलिक स्थिति काफी भिन्न है। यहां सुरंगों का निर्माण करना बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। बरमाणा तक रेल लाइन पहुंचाने का लक्ष्य मार्च, 2025 निर्धारित किया गया है व अभी तक कार्य सुचारू रूप से योजना के अनुरूप ही चल रहा है।

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