Edited By Vijay, Updated: 18 Aug, 2024 03:33 PM
अगले सप्ताह से शुरू हो रही मणिमहेश यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की आमद तेज हो गई है। इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह से श्रद्धालुओं का पहला जत्था रविवार सुबह चम्बा चौगान पहुंचा।
चम्बा (रणवीर): अगले सप्ताह से शुरू हो रही मणिमहेश यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की आमद तेज हो गई है। इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह से श्रद्धालुओं का पहला जत्था रविवार सुबह चम्बा चौगान पहुंचा। श्रद्धालु दिनभर चौगान में बम-बम भोले के जयकार लगाते रहे। जत्थे में करीब 130 श्रद्धालु मणिमहेश यात्रा पर आए हैं। जत्थे में शामिल शिव भक्तों ने बताया कि उनके लिए मणिमहेश यात्रा काफी अहम है। वर्षों से वह हर साल यात्रा कर रहे हैं और आगे भी लगातार मणिमहेश यात्रा करते रहेंगे। जत्था जम्मू-कश्मीर से 13 अगस्त को निकला था। पहला पड़ाव बसौली और दूसरा पड़ाव चम्बा चौगान में डाला है। वहीं तीसरा पड़ाव भरमौर, चौथा पड़ाव धन्छौ, पांचवां गौरीकुंड व छठा पड़ाव डल झील में डाला जाएगा। विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने के बाद श्रद्धालु डल झील में डुबकी लगाएंगे।
जम्मू-कश्मीर से आने वाले श्रद्धालुओं की खास बात यह रहती है कि वे पूरा सफर पैदल ही तय करते हैं तथा रास्ते में शिव का गुणगान करते हैं। चम्बा चौगान में रुका जत्था दोपहर बाद जत्था भरमौर की तरफ रवाना हो गया, जो राख नामक स्थान में डेरा डालने के बाद वहां से सोमवार सुबह निकलेगा। श्रद्धालु जन्माष्टमी के दिन मणिमहेश डल झील में स्नान करेंगे।
जत्थे में मौजूद रतन लाल, अशोक कुमार, जगदेई, प्रेम लाल ने बताया कि जत्थे में 10 से अधिक श्रद्धालु नंगे पांव यात्रा कर रहे हैं। किसी भी श्रद्धालु को शिव की कृपा से कांटा तक नहीं चुभता है। ऐसा माना जाता है कि चम्बा के चौगान में शिव भोलेनाथ ने अपना डेरा लगाया था। उनके पूर्वज भी मणिमहेश यात्रा पर आते थे। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मणिमहेश यात्रा कर रहे हैं। आने वाले दिनाे में चम्बा चौगान में मणिमहेश श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ौतरी हाेने की लगातार उम्मीद है।
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