Edited By Vijay, Updated: 23 Aug, 2025 11:58 AM

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की चौहारघाटी से एक दिल छू लेने वाला वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक महिला स्वास्थ्य कर्मी अपने फर्ज को निभाने के लिए जान की परवाह किए बिना उफनते नाले को पार करती दिखाई दे रही है।
मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की चौहारघाटी से एक दिल छू लेने वाला वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक महिला स्वास्थ्य कर्मी अपने फर्ज को निभाने के लिए जान की परवाह किए बिना उफनते नाले को पार करती दिखाई दे रही है। महिला का नाम कमला है, जोकि एक फीमेल हैल्थ वर्कर हैं और वर्तमान में पीएचसी सुधार में तैनात हैं।
बादल फटने से बहा पुल, लेकिन नहीं रुका टीकाकरण का संकल्प
बता दें कि 20 अगस्त को मंडी के शिल्हबुधानी पंचायत क्षेत्र में अचानक बादल फटने से कई नाले उफान पर आ गए। इन नालों पर बने पुल पानी के तेज बहाव में बह गए। इसी बीच कमला को सूचना मिली कि बीते सप्ताह चौहारघाटी के एक सब सैंटर में आयाेजित कैंप के दाैरान हुरंग गांव के एक दो महीने के बच्चे का टीकाकरण किसी कारणवश छूट गया है। बच्चे को समय पर टीका लगाना जरूरी था। कमला ने तय किया कि वह हर हाल में उस बच्चे को टीका लगाएंगी, लेकिन रास्ते में पुल टूट चुका था और उफनता नाला रास्ता रोके खड़ा था। वहां कोई और रास्ता भी नहीं था।
जान जोखिम में डालकर छलांग लगाई
कमला ने जरा भी हिचक नहीं दिखाई। उन्होंने अपनी पीठ पर वैक्सीन से भरा बॉक्स टांगा, जूते उतारे और उन्हें हाथ में पकड़ लिया। फिर नाले की एक तरफ मौजूद बड़ी चट्टान से 5 से 6 फुट लंबी छलांग लगाकर नाले को पार किया। छलांग लगाते समय एक पल के लिए ऐसा लगा कि वह अपना संतुलन खो बैठेंगी, लेकिन उन्होंने खुद को संभाल लिया और आखिरकार सुरक्षित दूसरी ओर पहुंच गईं। इस पूरे वाकया का वीडियो आसपास मौजूद कुछ युवकों ने अपने मोबाइल फोन से रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
विभाग को वीडियो के जरिए मिली जानकारी
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर पद्धर डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद ही उन्हें इस घटना की जानकारी मिली। उन्होंने बताया कि कमला को विभाग की ओर से इस तरह का कोई निर्देश नहीं दिया गया था, क्योंकि ऐसे हालात में जान का खतरा बना रहता है। बावजूद इसके उन्होंने कमला के इस साहसी कदम की खुलकर सराहना की है। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग कभी कोई कर्मचारी को अपनी जान जोखिम में डालने की सलाह नहीं देता, पर कमला की निष्ठा और हिम्मत उदाहरण देने लायक है। अगर विभागीय प्रक्रिया अनुसार संभव हुआ,तो वे कमला का नाम पुरस्कार के लिए प्रस्तावित करेंगे।
वर्षों का अनुभव और सेवा की भावना
कमला मूल रूप से मंडी जिले के सुधार गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने इससे पहले दुर्गम क्षेत्र चंबा के किलाड़ में भी स्वास्थ्य सेवाएं दी हैं और करीब चार साल पहले उनका ट्रांसफर चौहारघाटी क्षेत्र में हुआ था। डॉ. गुप्ता ने बताया कि कमला को जब भी कोई जिम्मेदारी दी जाती है, वह कभी मना नहीं करतीं। वह हमेशा अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी और जिम्मेदारी से निभाती हैं। डॉ. गुप्ता ने सभी हैल्थ वर्कर्स से अपील की है कि ऐसे हालात में कभी भी अपनी जान की परवाह किए बिना काम करने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा कि विभाग सेवाएं देने के लिए है, लेकिन कर्मचारियों की सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है।