Edited By Jyoti M, Updated: 15 Sep, 2025 04:35 PM

बारिश और बाढ़ ने लाहौल-स्पीति घाटी के किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लगातार हो रही भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण लाखों की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों ने अपनी मेहनत से उगाई गोभी और मटर की फसल को खराब होते देखा है। यह फसल अब खेतों में ही सड़...
हिमाचल डेस्क। बारिश और बाढ़ ने लाहौल-स्पीति घाटी के किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लगातार हो रही भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण लाखों की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों ने अपनी मेहनत से उगाई गोभी और मटर की फसल को खराब होते देखा है। यह फसल अब खेतों में ही सड़ रही है।
अपनी मेहनत और पूंजी को बर्बाद होते देख, कई किसानों को भारी नुकसान हुआ है। खराब हो चुकी गोभी को ट्रैक्टरों में भरकर चंद्रा नदी में बहा दिया गया है, क्योंकि यह बेचने लायक नहीं बची है।
इन किसानों की रोजी-रोटी पूरी तरह से खेती पर ही निर्भर है। यह घटना उनकी आजीविका के लिए एक बड़ा झटका है। अब सर्दियों का मौसम आने वाला है, लेकिन कई किसान इतने गरीब हो गए हैं कि वे आने वाले छह महीनों के लिए राशन भी नहीं जुटा पा रहे हैं।
किसानों के सामने कई तरह की परेशानियां हैं। कुछ किसान अपने बच्चों की स्कूल फीस भरने की चिंता में हैं, तो कुछ को बैंक से लिए गए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन की चिंता सता रही है। इस प्राकृतिक आपदा ने उनके भविष्य को अनिश्चित बना दिया है और वे सरकार से मदद की उम्मीद कर रहे हैं ताकि इस मुश्किल घड़ी से उबर सकें।