Edited By Vijay, Updated: 22 Jan, 2020 10:02 PM
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने नगर परिषद मंडी के बाद अब नगर परिषद धर्मशाला पर बड़ी कार्रवाई की है। ईपीएफओ द्वारा नगर परिषद धर्मशाला से 27.95 लाख रुपए की वसूली की गई है। यह वसूली अक्तूबर, 2012 से अगस्त, 2016 की अवधि तक नगर परिषद धर्मशाला...
नाहन (ब्यूरो): कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने नगर परिषद मंडी के बाद अब नगर परिषद धर्मशाला पर बड़ी कार्रवाई की है। ईपीएफओ द्वारा नगर परिषद धर्मशाला से 27.95 लाख रुपए की वसूली की गई है। यह वसूली अक्तूबर, 2012 से अगस्त, 2016 की अवधि तक नगर परिषद धर्मशाला द्वारा अपने स्थायी या नियोजन पर लिए गए कर्मचारियों की भविष्य निधि, पैंशन एवं अन्य अंशदान जमा न करवाने पर की गई है।
बता दें कि ईपीएफओ द्वारा पिछले कुछ समय से निजी व सरकारी क्षेत्र में कर्मियों के लाखों रुपए जमा न करवाने के मामलों का पटाक्षेप करते हुए वसूली की जा रही है। बीते दिसम्बर माह में मंडी नगर परिषद से भी 26.65 लाख रुपए की वसूली बैंक खाता सीज कर की गई थी। मंडी नगर परिषद द्वारा भी अपने कर्मियों का ईपीएफ जमा नहीं करवाया गया था। अब नगर परिषद धर्मशाला का मामला सामने आने के बाद प्रदेश की अन्य नगर परिषदों की भी जांच हो सकती है।
अक्सर सामने आता है कि कर्मचारियों व मजदूरों का ईपीएफ जमा करवाने के मामले में कुछ नियोक्ता ढील बरतते हैं। इसको लेकर गंभीर नहीं रहते। जिन मामलों का खुलासा हो जाता है उनमें तो ईपीएफओ द्वारा कार्रवाई कर वसूली की जाती है लेकिन कई ऐसे भी मामले होते हैं जहां कर्मियों व मजदूरों में जागरूकता की कमी के चलते वे आवाज नहीं उठा पाते और उन्हें ईपीएफ से संबंधित जानकारी नहीं होती।
अब ईपीएफ को लेकर सरकारें गंभीर हैं, ऐसे में कर्मचारी निकटवर्ती ईपीएफओ के कार्यालयों व ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं। 24 घंटे ऑनलाइन अपने ईपीएफ खाता की जांच भी कर सकते हैं, ऐसे में कर्मियों को भी जागरूक होने की जरूरत है, वहीं सरकारी क्षेत्र से संबंधित इकाइयों द्वारा भी अपने द्वारा रखे गए क्िरमयों का ईपीएफ जमा न करवाने के मामले सामने आ रहे हैं।
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-1 हिमाचल प्रदेश सुदर्शन कुमार ने बताया कि ईपीएफओ शिमला द्वारा नगर परिषद धर्मशाला से अद्र्धन्यायिक प्रक्रिया के तहत आदेश पारित कर 27.95 लाख रुपए की रिकवरी की गई है। यह वसूली अक्तूबर, 2012 से अगस्त, 2016 की अवधि तक नगर परिषद धर्मशाला द्वारा अपने स्थायी या नियोजन पर लिए गए कर्मचारियों की भविष्य निधि, पैंशन एवं अन्य अंशदान जमा न करवाने पर की गई है।