Sirmaur: अस्पताल में डिलीवरी से पहले गर्भ में शिशु की मौत, परिजनों ने लगाए लापरवाही के आरोप

Edited By Vijay, Updated: 31 Jul, 2025 10:51 PM

death of baby in womb before delivery in hospital

डाॅ. वाईएस परमार मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल नाहन में एक महिला की डिलीवरी से पहले गर्भ में ही शिशु की मौत होने का मामला सामने आया है।

नाहन (आशु): डाॅ. वाईएस परमार मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल नाहन में एक महिला की डिलीवरी से पहले गर्भ में ही शिशु की मौत होने का मामला सामने आया है। हालांकि यह मामला 26 जुलाई है, लेकिन इसका खुलासा वीरवार को उस वक्त हुआ जब पीड़ित महिला मरीज की बड़ी बहन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने इस मामले में न केवल उनकी छोटी बहन के उपचार को लेकर स्टाफ पर लापरवाही के गंभीर आरोप जड़े, बल्कि मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल की व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े किए। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में पीड़िता की बहन रो-रोकर इस पूरे मामले को लेकर आपबीती सुना रही है। चूंकि इस घटना के बाद से परिवार सदमे में था, लेकिन अब इसकी लिखित शिकायत मेडिकल काॅलेज प्रबंधन से की जा रही है। बता दें कि पीड़ित महिला शिलाई की झकांडो पंचायत की भटेउड़ी से ताल्लुक रखती है, जो गर्भवती होने के चलते अपनी बहन लक्ष्मी शर्मा के पास आई थी।

पांवटा साहिब निवासी लक्ष्मी शर्मा की ओर से मेडिकल काॅलेज के प्रिंसीपल को ई-मेल के माध्यम भेजी जा रही शिकायत में डाॅक्टरों की लापरवाही एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की गंभीर कमी के आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि उनकी बहन चंद्र कला पत्नी नरेश शर्मा को गत 24 जुलाई को प्रसव के लिए मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल नाहन में भर्ती करवाया गया था। डाॅक्टरों की सलाह के अनुसार उसे आर्टिफिशियल लेबर पेन (प्रसव पीड़ा) शुरू करने की दवाइयां दी गईं, जिनकी पहली डोज रात 2 बजे, दूसरी सुबह 6 बजे और तीसरी डोज 10 बजे दी गई। उसके पश्चात उनकी बहन को लगातार तेज प्रसव पीड़ा होती रही, लेकिन 10 घंटे तक लगातार दर्द सहने के बाद भी बच्चेदानी का डायलेशन 2 सैंटीमीटर से अधिक नहीं हुआ। आरोप लगाया कि दर्द बढ़ने के बावजूद डाॅक्टरों ने सिजेरियन या अन्य आवश्यक उपचार का निर्णय नहीं लिया।

लक्ष्मी शर्मा ने दावा किया कि रात को दर्द बढ़ने के बावजूद डिलीवरी को सुबह तक टाल दिया गया। संभवतः चिकित्सक की अनुपस्थिति के कारण। उनके अनुसार पहले तो प्रसव पीड़ा के लिए इंजैक्शन दे दिया गया, लेकिन सिजेरियन ऑप्रेशन करने में देरी की गई। आरोप लगाया गया कि इस गंभीर लापरवाही का दुखद परिणाम यह हुआ कि उनकी बहन का नवजात बच्चा जन्म से पूर्व ही दुनिया छोड़ गया। कई घंटों बाद परिवार को बताया गया कि बच्चे की गर्भ में मौत हो गई है। इसका कारण उसकी गर्दन में नाल लिपटी होना बताया गया।

लक्ष्मी शर्मा ने आरोप लगाया कि ड्यूटी पर तैनात डाॅक्टर रात्रि में अपने घर चले गए। लेबर रूम की टेबल टूटी हुई थीं। 3-डी अल्ट्रासाऊंड मशीन उपलब्ध नहीं थी। सबसे चिंताजनक बात यह थी कि फीटल हार्टबीट मॉनिटर भी कार्य नहीं कर रहा था। उन्होंने कहा कि इन सभी कारणों से न केवल हमारे बच्चे की जान गई, बल्कि उनकी बहन को मानसिक और शारीरिक रूप से भी अत्यंत पीड़ा झेलनी पड़ी। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस पूरे मामले की तत्काल जांच कर लापरवाही बरतने वाले स्टाफ के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी घटना किसी अन्य परिवार के साथ न हो, इसके लिए गर्भवती महिलाओं के लिए समुचित स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अस्पताल की आधारभूत संरचना में सुधार किया जाए, क्योंकि भविष्य की माताओं और उनके शिशुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्यंत आवश्यक है।

बता दें कि इस मामले का वीडियो शिकायतकर्त्ता लक्ष्मी ने उसी दिन रिकॉर्ड कर लिया था, जो अब सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है, जिसके बाद यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो के सामने आने के बाद मेडिकल काॅलेज एक बार फिर विवादों में आ गया है। उधर, मेडिकल काॅलेज के एमएस डाॅ. संगीत ढिल्लों ने बताया कि फिलहाल मामला उनके संज्ञान में नहीं है और न ही अभी तक उन्हें कोई लिखित शिकायत प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि जैसे ही शिकायत प्राप्त होगी तो नियमानुसार जांच और कार्रवाई की जाएगी।

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