Edited By prashant sharma, Updated: 14 Jul, 2020 06:32 PM
एनआईटी हमीरपुर के डायरेक्टर की एडमिनीस्ट्रेटिव व फाइनेंशियल पॉवर छीनने के बाद जहां एनआईटी में जश्न का माहौल है, वहीं दूसरी ओर डायरेक्टर के राजसी कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है।
हमीरपुर : एनआईटी हमीरपुर के डायरेक्टर की एडमिनीस्ट्रेटिव व फाइनेंशियल पॉवर छीनने के बाद जहां एनआईटी में जश्न का माहौल है, वहीं दूसरी ओर डायरेक्टर के राजसी कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजेंद्र राणा लगातार इस कथित भ्रष्टाचार मामले का पीछा कर रहे थे। क्योंकि यह संस्थान उनके विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। जिस कारण से एनआईटी के प्रशासनिक हल्कों व आम कर्मचारियों में राणा का खासा व्यक्तिगत रसूख प्रभाव है। वैसे भी राणा प्रदेश में रोजगार को लेकर लगातार आम आदमी की पैरवी के लिए जाने-माने जाते हैं। इसी कड़ी में हिमाचली हितों के खिलवाड़ से कुपित राणा लगातार एक साल से एनआईटी को आरोपों के कटघरे में खड़ा किए हुए थे। इस मामले में व्यक्तिगत रूची लेते हुए उन्होंने एनआईटी हमीरपुर के कथित भ्रष्टाचार व अन्य गड़बडिय़ों के मसलों को दर्जनों चिट्ठीयां लिखकर पीएमओ व एमएचआरडी मंत्रालय तक पहुंचाया है।
भ्रष्टाचार पर लगातार बने दबाव का परिणाम व प्रमाण यह भी रहा कि अंततः केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री एवं सांसद अनुराग ठाकुर को भी राणा के सुर में सुर मिलाना पड़ा और उन्होंने इस मामले पर मानव संसाधन मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल से बात की। राणा के इसी दबाव की परिणीती रही कि अब एनआईटी डायरेक्टर की एडमिनीस्ट्रेटिव व फाइनेंशियल पॉवर स्नैच कर ली गई है व उनका चार्ज तक भी छीन लिया गया है। राणा ने सबूतों और साक्ष्यों के साथ अपने लेटर हेड पर दर्जनों पेजों की लंबी फेहरिस्त की शिकायतें पीएमओ व एमएचआरडी कार्यालयों को भेजी हैं। यह राणा की निरंतर मेहनत का सबूत है कि अंततः अब एनआईटी के डायरेक्टर पर शिकंजा कसा जाने लगा है। एनआईटी हमीरपुर का डायरेक्टर जांच की जद में आते ही एनआईटी हमीरपुर के डायरेक्टर का चार्ज भी एमएचआरडी के आदेश पर तत्काल प्रभाव से ले लिया गया है। उनके स्थान पर अब एनआईटी हमीरपुर का चार्ज जालंधर एनआईटी के डायरेक्टर ललित अवस्थी को सौंपा गया है।