Edited By Kuldeep, Updated: 14 Aug, 2024 06:50 PM
दुष्कर्म करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर दोषी को 10 वर्ष का साधारण कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी को 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है तथा जुर्माना अदा न करने पर 2 वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
धर्मशाला (ब्यूरो): दुष्कर्म करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर दोषी को 10 वर्ष का साधारण कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी को 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है तथा जुर्माना अदा न करने पर 2 वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मशाला अनिल शर्मा फास्ट ट्रेक पोक्सो कोर्ट ने यह सजा सुनाई है। साथ ही न्यायाधीश ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पीडि़ता को एक लाख का मुआवजा देने के भी आदेश दिए। जानकारी के अनुसार पीडि़ता की मां ने अपने भाई के साथ वर्ष 2021 में देहरा थाना पहुंचकर एक शिकायत पत्र पेश किया था। शिकायत में कहा गया था कि पीडि़ता नाबालिग है व बिना किसी को कुछ बताए घर से चली गई थी। नाबालिगा की हर जगह तलाश करने के बाद भी उसका कोई पता नहीं चल पाया।
पीडि़ता का फोन भी बंद आ रहा था जिसके बाद मामले की जांच थाना के पुलिस इंस्पैक्टर कुलदीप सिंह और एएसआई संजीव कुमार की ओर से की गई। जांच के दौरान पीडि़ता को पुलिस ने एक किराए के कमरे से बरामद किया। पीडि़ता ने पुलिस में दिए बयान में बताया था कि आरोपी उसे वर्ष 2020 में स्कूल के बाहर मिला था, जहां पर आरोपी व्यक्ति ने पीडि़ता को अपना फोन नंबर दिया। आरोपी बाद में पीडि़ता के साथ डेढ़ वर्ष तक बात करता रहा। आरोपी ने पीडि़ता को शादी का झांसा दिया और शादी करने के लिए घर से बाहर 28 अप्रैल को बुलाया और नाबालिगा को किराए के कमरे में ले गया जहां जबरदस्ती दुष्कर्म किया। इस केस में 24 गवाहों को पेश किया गया। दोष सिद्ध होने पर दोषी को उक्त सजा सुनाई गई।