Edited By Vijay, Updated: 24 Feb, 2021 04:57 PM
बिलासपुर के साथ लगते राजपुरा व कोठीपुरा पंचायत में निर्माणाधीन एम्स में बाहरी राज्य के लोगों को रोजगार देने पर प्रभावित पंचायतों के लोग भड़क गए हैं। इस कड़ी में बुधवार को प्रभापित पंचायतों के लोगों ने डीसी कार्यालय के बाहर विरोधस्वरूप प्रदर्शन किया...
बिलासपुर (मुकेश): बिलासपुर के साथ लगते राजपुरा व कोठीपुरा पंचायत में निर्माणाधीन एम्स में बाहरी राज्य के लोगों को रोजगार देने पर प्रभावित पंचायतों के लोग भड़क गए हैं। इस कड़ी में बुधवार को प्रभापित पंचायतों के लोगों ने डीसी कार्यालय के बाहर विरोधस्वरूप प्रदर्शन किया तथा एम्स प्रशासन व जिला प्रशासन के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की। इसके बाद प्रभावित क्षेत्रों के लोगों ने डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित किया, जिसमें स्थानीय तथा प्रभावित लोगों के हितों की रक्षा किए जाने की मांग की गई है।
डीसी कार्यालय के बाहर आयोजित धरने को संबोधित करते हुए इंटक के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अधिवक्ता भगत सिंह वर्मा व जिला भाजपा के महामंत्री एवं राजपुरा पंचायत के उपप्रधान सतदेव शर्मा, नौणी पंचायत प्रधान निर्मला राजपूत सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि एम्स के क्षेत्र में 7 पंचायतें प्रभावित हुई हैं तथा इसके निर्माण कार्य से लोगों की जमीनें, बावड़ियां व रास्ते आदि टूट गए हैं जबकि निर्माण कार्य से निकलने वाली मिट्टी से नाले बंद हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वे एम्स के निर्माण का विरोध नहीं करते लेकिन एम्स में स्थानीय लोगों के हितों की अनदेखी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि गत दिनों एम्स में सुरक्षा गार्ड सहित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती की गई। यह भर्ती चिटों पर की गई तथा इसमें बाहरी लोगों को तवज्जो दी गई जोकि स्थानीय लोगों के हितों से सीधा खिलवाड़ है। उन्होंने मांग की कि एम्स में स्थानीय व प्रभावित पंचायतों के लोगों को रोजगार में प्राथमिकता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में हजारों की संख्या में बेरोजगार युवा रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं लेकिन संबंधित कंपनी स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने की अपेक्षा बाहरी लोगों को रोजगार दे रही है।
सभी ने एक सुर में बाहरी लोगों को रोजगार देने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की तथा चेतावनी दी कि यदि स्थानीय लोगों के हितों से खिलवाड़ बंद न किया गया और स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता न दी गई तो आने वाले समय में एम्स के बाहर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा और यदि इस दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन व एम्स प्रशासन की होगी।