Edited By Vijay, Updated: 15 May, 2020 10:35 PM
चम्बा जिला के संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में रहने वाले लोगों के साथ अब डीसी विवेक भाटिया वीडियो कॉलिंग के जरिए ऑनलाइन रू-ब-रू होंगे। इन केंद्रों में रहने वाले लोगों के साथ दोहरा संवाद कायम करने के मकसद से यह मुहिम शुरू की गई है। इस मुहिम को जिला...
चम्बा (ब्यूरो): चम्बा जिला के संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में रहने वाले लोगों के साथ अब डीसी विवेक भाटिया वीडियो कॉलिंग के जरिए ऑनलाइन रू-ब-रू होंगे। इन केंद्रों में रहने वाले लोगों के साथ दोहरा संवाद कायम करने के मकसद से यह मुहिम शुरू की गई है। इस मुहिम को जिला प्रशासन ने वार्तालाप मुहिम का नाम दिया है। इसके तहत डीसी इन केंद्रों में रहने वाले लोगों के साथ वीडियो कॉङ्क्षलग करके बातचीत करेंगे। इसके वह क्वारंटाइन लोगों को पेश आने वाली समस्याओं से अवगत होंगे, वहीं उन्हें संस्थागत क्वॉरंटाइन के बाद होम क्वारंटाइन के दौरान कौन-कौन सी एहतियातों को बरतना है, उसके बारे में भी जागरूक किया जाएगा।
शुक्रवार को डीसी ने शेरपुर स्थित क्वारंटाइन केंद्र में रह रहे कुछ व्यक्तियों के साथ वीडियो कॉङ्क्षलग के माध्यम से बातचीत की। उन्होंने क्वारंटाइन केंद्र के नोडल अधिकारी को कहा कि वह केंद्र में सोशल डिस्टैंसिंग के अलावा अन्य सभी जरूरी एहतियातों के साथ लोगों के लिए सुबह के समय योगाभ्यास जबकि सायं व्यायाम की कक्षाएं सुनिश्चित करें। डीसी ने उनसे कहा कि वह कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीरता को समझते हुए न केवल संस्थागत क्वारंटाइन बल्कि होम क्वारंटाइन में रहते हुए भी बताए गए सभी नियमों का पालन करें। ऐसा करने पर आपकी अपनी सुरक्षा सुनिश्चित होगी तथा अपने परिवार को भी कोरोना के इस खतरे से निजात दिला पाने में सक्षम होंगे।
डीसी ने कहा कि सोशल डिस्टैंसिंग के साथ मास्क पहनना और साबुन के साथ हाथ धोना सभी लोग अपनी रोजमर्रा की आदतों में शुमार करें। जिला के सभी संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में जहां पर व्यक्तियों के सामूहिक तौर पर हाथ छूते हैं, उन सभी जगहों को सैनिटाइज करने को लेकर भी पूरी गंभीरता बरती जाए। इस समय यह लड़ाई बीमारी के साथ है। जो व्यक्ति संक्रमित रहे थे या जो क्वारंटाइन केंद्रों में रह रहे हैं, उनके प्रति आसपास के समुदाय और समाज का दृष्टिकोण और सोच सकारात्मक रहनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले व्यक्तियों को संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में इसलिए रखा जाता है ताकि उनकी चिकित्सकीय जांच होने के साथ-साथ यह देखा जाए कि उनमें कोरोना के लक्षण तो नहीं हैं। निगरानी में तय अवधि पूरी करने के बाद वे होम क्वारंटाइन में भी 14 दिन नियमों का पालन करेंगे। सरकार द्वारा मैडीकल का यह प्रोटोकॉल इसलिए निर्धारित किया गया है ताकि सोशल डिस्टैंसिंग और अन्य जरूरी एहतियातों के साथ हम कोरोना वायरस को पूरी तरह से हरा सकें।