औषधीय पौधे से स्तन कैंसर के उपचार पर शोध करेगा केंद्रीय विश्वविद्यालय

Edited By prashant sharma, Updated: 13 Jan, 2022 10:32 AM

cu to conduct research on treatment of cancer with medicinal plants

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय कैंसर के इलाज के खर्च को कम करने के लिए औषधीय पौधे के माध्यम से स्तन कैंसर उपचार पर शोध कार्य करने जा रहा है। राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड ने 3 साल के लिए 40,10,229 रुपए की ‘इन विवो एंड इन विट्रो स्टडी

धर्मशाला (नवीन) : हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय कैंसर के इलाज के खर्च को कम करने के लिए औषधीय पौधे के माध्यम से स्तन कैंसर उपचार पर शोध कार्य करने जा रहा है। राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड ने 3 साल के लिए 40,10,229 रुपए की ‘इन विवो एंड इन विट्रो स्टडी ऑन सिनर्जिस्टिक इफैक्ट ऑफ मैडीसनल प्लांट्स इन ब्रैस्ट कैंसर ऑफ  माइस’ नामक परियोजना स्वीकृत की है। यह परियोजना स्कूल ऑफ लाइफ साइंस के लिए स्वीकृत की गई है। परियोजना टीम में प्रमुख अन्वेषक डॉ. रंजीत कुमार और सहप्रधान अन्वेषक जंतु विज्ञान विभाग से डॉ. सुनील कुमार और डॉ. राकेश कुमार शामिल हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने परियोजना टीम को बधाई दी है। 

कैंसर की व्यापकता हिमाचल में अधिक

लोंगीट्यूडिनल एजिइंग स्टडी इन इंडिया के एक सुविस्तृत राष्ट्रीय सर्वेक्षण में कहा गया है कि स्व-रिपोर्ट आधारित निदान किए गए कैंसर की व्यापकता राष्ट्रीय औसत 0.6 प्रतिशत की तुलना में हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक (2.2 प्रतिशत) है। सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चला है कि राज्य में समग्र मृत्यु दर भी राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इस संबंध में जंतु विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. सुनील कुमार के अनुसार वर्तमान में कई रासायनिक रूप से व्युत्पन्न दवाएं विकसित की गई हैं और अन्य कैंसर उपचार पहले से मौजूद हैं। यह परियोजना औषधीय पौधे के प्रभावी संयोजन को खोजने पर आधारित है, जिसमें मैटास्टेटिक स्तन कैंसर के लिए उच्च चिकित्सीय क्षमता हो। 

8 मौतों में से एक के लिए कैंसर जिम्मेदार

कैंसर विश्व स्तर पर रुग्णता और मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है। गैर-संचारी रोगों में हृदय रोग के बाद कैंसर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। दुनिया भर में 8 मौतों में से एक के लिए कैंसर जिम्मेदार है, जो एड्स, तपेदिक और मलेरिया से अधिक है। कैंसर रिसर्च संस्था यू.के. का एक आंकड़ा यह बताता है कि 2012 में 14.1 मिलियन वयस्कों में कैंसर का पता चला था और विश्व स्तर पर 8.2 मिलियन लोग कैंसर से मारे गए थे।

शोध कार्य पीड़ित महिलाओं के लिए लाभदायक

डीन स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज प्रो. प्रदीप कुमार के पास औषधीय पौधों में कई वर्षों की विशेषज्ञता है और उनके मार्गदर्शन में स्तन कैंसर के इलाज के लिए औषधीय पौधे के प्रभावी कंसेंट्रेशन को खोजने में यह परियोजना निश्चित रूप से सहायक होगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में पौधों से प्राप्त एंटी कैंसर एजैंटों की पहचान की जाती है, जिनमें कैंसर को रोकने की क्षमता होती है। यह शोध बहुत ही सामान्य औषधीय पौधों का उपयोग कर रहा है, जिनमें चूहों के स्तन कैंसर के विरुद्ध उच्च एंटीऑक्सीडैंट क्षमता है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि यह अपने आप में इस तरह का पहला प्रयास है तथा नया शोध कार्य है। यह शोध कार्य समाज में इस रोग से पीड़ित महिलाओं के लिए काफी लाभदायक साबित होगा।
 

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