नहीं सुलझा शहीद कल्याण सिंह मेले को लेकर उपजा विवाद, उद्योग मंत्री के खिलाफ नारेबाजी

Edited By Vijay, Updated: 25 May, 2023 12:08 AM

controversy about martyr kalyan singh fair not resolved

गिरिपार क्षेत्र में होने वाले जिला स्तरीय शहीद कल्याण सिंह खेल एवं सांस्कृतिक मेले हलांह का विवाद फिलहाल नहीं सुलझा है। दो गुटों के बीच उपजे विवाद हो सुलझाने के प्रशासन पूरे प्रयास कर रहा है। वहीं एक गुट के लोगों ने खेल मैदान में बैठकर धरना दिया।

पांवटा साहिब (संजय): गिरिपार क्षेत्र में होने वाले जिला स्तरीय शहीद कल्याण सिंह खेल एवं सांस्कृतिक मेले हलांह का विवाद फिलहाल नहीं सुलझा है। दो गुटों के बीच उपजे विवाद हो सुलझाने के प्रशासन पूरे प्रयास कर रहा है। वहीं एक गुट के लोगों ने खेल मैदान में बैठकर धरना दिया। इस कारण 3 दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन शुरू नहीं हो पाया। वहीं प्रशासन ने शहीद की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। हालांकि मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है लेकिन उसके बावजूद भी खेल मैदान में धरने पर बैठे लोगों को नहीं हटाया जा सका है। देर शाम ग्रामीणों ने उद्योग मंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया।

शहीद की बेटी ने डाली पोस्ट, कहा-शहीदों पर तो न करें राजनीति
विवाद के बीच शहीद कल्याण सिंह की बेटी उषा ठाकुर ने एक भावुक अपील सोशल मीडिया पर डाली है। इसके माध्यम से बेटी ने अपील की है कि ये उसके शहीद पिता कल्याण सिंह का अपमान है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। बावजूद इसके प्रशासन मौन बैठा है। विरोधी गुट मनमानी कर खेल व सांस्कृतिक आयोजन को लेकर खलल डाल रहा है। उन्होंने साफ तौर से कहा कि इस पूरे मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने प्रशासन व स्थानीय लोगों से अपील की है कि जिला स्तरीय शहीद कल्याण सिंह खेल एवं सांस्कृतिक मेला पूर्व की तरह मनाया जाना चाहिए।

1999 में कारगिल में शहीद हुए थे कल्याण सिंह
 1999 में कारगिल युद्ध में शिलाई के हलांह के कल्याण सिंह शहीद हो गए थे। इसके बाद से ही यह मेला मनाया जाता रहा है। भाजपा सरकार के दौरान इस मेले को जिला स्तरीय घोषित किया गया था, लेकिन इस बार मेले के आयोजन को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। 

ग्रामीण का आरोप, प्रशासन सरकार के दबाव में कर रहा है काम
ग्रामीणों का कहना था कि धरने पर बैठे 10 के करीब लोगों को वहां मौजूद 25 के करीब पुलिस कर्मी हटा न सके। बता दें कि मेला बुधवार को शुरू होना था जबकि पहले दिन मात्र शहीद को श्रद्धांजलि ही हो पाई। जिला स्तरीय इस मेले का एक गुट विरोध कर रहा है। हलांह पंचायत के निवासी जालम सिंह, रतिराम राम, लायक राम, जंगली राम व रतन सिंह नंबरदार ने बताया कि 23 वर्षों से हलांह में शहीद कल्याण सिंह खेल एवं सांस्कृतिक मेला आयोजित किया जा रहा है। इस बार मेले को जिला स्तर पर आयोजित किया जाना था, लेकिन कुछ लोग शहीद के नाम पर राजनीति कर रहे हंै। उन्होंने कहा कि शहीद के नाम पर राजनीति करना बहुत ही दुखद है।

यह है विवाद
23 मई की सुबह एक गुट ने खेल मैदान में बजरी डाल दी थी। 24 मई बुधवार सुबह प्रशासन ने जेसीबी लगाकर बजरी को मैदान से हटा दिया। सुबह एसडीएम सुरेश सिंघा ने हलांह पहुंचकर शहीद के परिजनों के साथ शहीद कल्याण सिंह की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की, लेकिन उसके कुछ देर बाद दूसरे गुट के लोग मैदान में आ गए। धरने पर बैठकर विरोध शुरू कर दिया तथा खेल प्रतियोगिता को नहीं होने दिया। देर शाम खबर लिखे जाने तक प्रशासन विवाद को नहीं सुलझा पाया था।  

जल्द मामला सुलझाएंगे : डीसी
उधर, डीसी सिरमौर सुमित खिमटा ने बताया कि जिला स्तरीय शहीद कल्याण सिंह खेल एवं सांस्कृतिक मेला हलांह को लेकर दो गुटों में विवाद चला हुआ है। धरने पर बैठे लोगों के साथ एसडीएम शिलाई बातचीत कर रहे हैं। विवाद को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं शिलाई के एसडीएम सुरेश कुमार सिंघा ने बताया कि जिला स्तरीय शहीद कल्याण सिंह खेल एवं सांस्कृतिक मेला हलांह में सुबह शहीद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई है। आयोजन को लेकर एक गुट के लोग धरने पर बैठे हैं, जिन्हें मनाने का प्रयास चल रहा है।

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