सीएम सुक्खू ने विधानसभा में पेश किया 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण, राज्य में प्रति व्यक्ति आय बढ़ी

Edited By Vijay, Updated: 16 Mar, 2023 11:44 PM

cm sukkhu presents economic survey 2022 23 in assembly

हिमाचल प्रदेश में पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वर्तमान वित्त वर्ष में प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है। आगामी 31 मार्च को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय 222227 रहने का अनुमान...

प्रति व्यक्ति आय 222227 रुपए व विकास दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान
शिमला (भूपिन्द्र):
हिमाचल प्रदेश में पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वर्तमान वित्त वर्ष में प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है। आगामी 31 मार्च को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय 222227 रहने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 201271 रुपए थी लेकिन पिछले वित्त वर्ष की तुलना में वर्तमान वित्तीय वर्ष में विकास दर में भी मामूली गिरावट आई है। वर्तमान वित्त वर्ष में विकास दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में राज्य की विकास दर 7.6 फीसदी थी। हालांकि वर्तमान वित्त वर्ष में राष्ट्रीय विकास दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जो हिमाचल की विकास दर से मामूली अधिक है। राहत की बात यह है कि प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत 172000 रुपए से काफी अधिक है। इसके अलावा इस बार राज्य के जीडीपी में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 42.97 रहने का अनुमान है।

पिछले साल की तुलना में 8143 करोड़ रुपए अधिक होगी जीडीपी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार को वर्ष 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण विधानसभा में पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार वर्तमान वित्त वर्ष में प्रदेश की जीडीपी पिछले साल की तुलना में 8143 करोड़ रुपए अधिक होगी। मौजूदा वित्त वर्ष में राज्य की जीडीपी 195404 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। बीते वित्त वर्ष के 176269 करोड़ रुपए के अस्थायी अनुमानों के मुकाबले प्रचलित मूल्यों पर जीडीपी मौजूदा वित्त वर्ष में 195404 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जो 19135 करोड़ अधिक है। वित्त वर्ष 2022-23 में बीते वित्त साल के 13.5 फीसदी के मुकाबले नॉमिनल जीडीपी 10.9 फीसदी रहने का अनुमान है। 

कृषि व संबद्ध क्षेत्रों में वृद्धि दर 2 फीसदी रहने का अनुमान
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार कृषि व इससे संबध क्षेत्रों में वृद्धि दर 2 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि पिछले वित्त वर्ष में यह 4.9 फीसदी थी। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार सकल राज्य मूल्य वद्र्धन अर्थात जीवीए में  तृतीयक क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक है, जो 43.6 फीसदी है। इसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का 42.7 व फिर प्राथमिक क्षेत्र का 13.7 फीसदी योगदान है। राज्य की जीवीए में पशुपालन का योगदान महज 1.61 फीसदी है।

ये है मुद्रास्फीति में वर्तमान रुझान
सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल से दिसम्बर तक राज्य स्तर पर थोक मूल्य मुद्रास्फीति 15.4 फीसदी से गिरकर 5 फीसदी हो गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में 3.2 और 7.2 फीसदी के बीच उतार-चढ़ाव आया है। मौजूदा वित्त वर्ष में हिमाचल में मध्यम मुद्रास्फीति है तथा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक दिसम्बर-2022 में 3.9 फीसदी दर्ज की गई है।

पूंजीगत व्यय में आई कमी
मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 में पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपैंडिचर) में 20.45 फीसदी की कमी आई है, जबकि बीते साल कैपिटल एक्सपैंडीचर पर 32.72 फीसदी बजट खर्च किया गया था। इसके अलावा पुराने कर्ज के ब्याज चुकाने पर मौजूदा वित्त वर्ष में 5105 करोड़ रुपए खर्च किए जबकि गत वर्ष यह राशि 4805 करोड़ रुपए थी। 

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