CM सुक्खू ने साधा निशाना, बाेले-केंद्र सरकार ने सेना से परामर्श किए बिना ही कर दी युद्धविराम की घोषणा

Edited By Vijay, Updated: 30 May, 2025 08:44 PM

cm sukhvinder singh sukhu

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ऑप्रेशन सिंदूर में हमारे वीर सैनिकों ने आतंकवादियों व पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया, लेकिन केंद्र सरकार ने तीनों सशस्त्र बलों को विश्वास में लिए बिना युद्धविराम की घोषणा कर दी।

शिमला (भूपिन्द्र): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ऑप्रेशन सिंदूर में हमारे वीर सैनिकों ने आतंकवादियों व पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया, लेकिन केंद्र सरकार ने तीनों सशस्त्र बलों को विश्वास में लिए बिना युद्धविराम की घोषणा कर दी। यह घोषणा किसी तीसरे देश से सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आई, जो दुखद है। यह घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्णायक नेतृत्व के विपरीत है, जिन्होंने कभी भी राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं होने दिया तथा कभी हार नहीं मानी, क्योंकि कांग्रेस पार्टी की नीति देश की अखंडता व एकता के लिए बनी है। यह बात उन्होंने शुक्रवार को शिमला में आयोजित जय हिंद सभा में शहीदों के परिजनों को सम्मानित करते हुए जनसभा को संबोधित करते हुए कही। जय हिंद सभा में सन 1962, 1965, 1971, कारगिल तथा ऑप्रेशन सिंदूर के हिमाचल प्रदेश के वीर सैनिकों को सम्मानित किया तथा शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि बात तीसरे देश द्वारा युद्ध समाप्ति की नहीं है। यह बात देश के गौरव की है। उन्होंने कहा कि पीएम ने कहा था कि हमने तीनों सेना को छूट दी है। समय, वक्त व हथियार सेना तय करेगी। सेना ने अपने अचूक हथियारों से पाकिस्तान को सबक सिखाया, लेकिन जब युद्ध समाप्ति की बारी आई तो केंद्र सरकार ने तीनों सेना के प्रमुखों को विश्वास में नहीं लिया। 

कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने सदैव देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान दिया 
मुख्यमंत्री ने हाल ही में तीर्थन घाटी के शरची गांव की अपनी यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दौरान वह पूर्व सैनिक सूबेदार मेजर अनूप राम के घर ठहरे। मेजर अनूप राम ने सन 1971 के भारत-पाक युद्ध के बारे में अपनी यादें सांझा करते हुए बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने साहसिक एवं दूरदर्शी नेतृत्व से युद्ध के दौरान भारतीय सेना में अद्भुत बहादुरी, जोश और ऊर्जा का संचार किया था। उसी के परिणामस्वरूप युद्ध का ऐतिहासिक परिणाम हमारे सामने आया और भारत ने पाकिस्तान को दो भागों में विभाजित करते हुए शिमला समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर कर दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने सदैव देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान दिया है।

सैनिकों को छुड़ाने के लिए गिड़गिड़ाए थे भुट्टो
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1971 के युद्ध की यादें एडवांस स्टडी में रखी हुई हैं। कांग्रेस वहां पर जनसभा करनी चाहती थी, लेकिन वहां पर इतना स्थान नहीं था, इसलिए पीटरहॉफ में यह जनसभा करनी पड़ी। शिमला समझौते को याद करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के 90 हजार से अधिक सैनिकों को बंगलादेश में बंदी बना लिया था। पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फीकार अली भुट्टो उन्हें छुड़ाने के लिए इंदिरा गांधी के समक्ष गिड़गिड़ाए थे।
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