Himachal: नशामुक्ति एवं पुनर्वास के लिए गठित होगा राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड, सीएम सुक्खू का ऐलान

Edited By Vijay, Updated: 04 Dec, 2024 09:39 PM

cm sukhvinder singh sukhu

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐलान किया है कि प्रदेश में नशामुक्ति और पुनर्वास के लिए राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड गठित होगा। इसके अलावा राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं जिला अस्पतालों में ओपिओइड प्रतिस्थापन थैरेपी केंद्र भी स्थापित होंगे।

शिमला (संतोष): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐलान किया है कि प्रदेश में नशामुक्ति और पुनर्वास के लिए राज्य स्तरीय सलाहकार बोर्ड गठित होगा। इसके अलावा राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं जिला अस्पतालों में ओपिओइड प्रतिस्थापन थैरेपी केंद्र भी स्थापित होंगे। मुख्यमंत्री बुधवार को मातृ-शिशु एवं युवा बाल पोषण और नशामुक्ति पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित इस सलाहकार बोर्ड का उद्देश्य मादक पदार्थों के दुरुपयोग से संबंधित विभिन्न विभागों की गतिविधियों को सुव्यवस्थित करना है, ताकि इस बुराई के प्रति एकीकृत दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में मानसिक स्वास्थ्य उत्कृष्टता केंद्र को नशामुक्ति एवं पुनर्वास के लिए राज्य स्तरीय नोडल संस्थान घोषित किया।

शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से होगा स्कूल स्वास्थ्य मिशन का क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से राज्य में स्कूल स्वास्थ्य मिशन का क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किशोरियों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं तथा छह वर्ष तक की आयु के बच्चों की पोषण संबंधी समस्याओं के समाधान के साथ-साथ मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम, नशामुक्ति और पुनर्वास के लिए कार्य योजना तैयार करेगी। उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को गर्भवती महिलाओं और एक वर्ष की आयु तक के शिशुओं के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए एक प्रणाली तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में नशा माफिया पर नकेल कसने की पहल की है और कई नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।

शिशु स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न मामलों पर किया विचार-विमर्श
एमडी (पीडियाट्रिक्स) राष्ट्रीय निदेशक कॉर्ड पद्मश्री पुरस्कार विजेता क्षमा मीटर, बीएमजीएफ के राष्ट्रीय निदेशक हरि मेनन, पीएचएनडीसी की निदेशक डाॅ. शीला, सी. वीर, पीएचएनडीसी की तकनीकी सलाहकार डाॅ. वंदना सभ्रवाल, एमडी डाॅ. रूपल दलाल, ईसोमसा की निदेशक किरण भड़ाना तथा एम्स दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ के विशेषज्ञों ने भी एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान शिशु स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न मामलों पर विचार-विमर्श किया।

चिकित्सा पर्यटन को दिया जा रहा बढ़ावा, किए कई बदलाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए चिकित्सा पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है, जिसके लिए प्रदेश में बुनियादी ढांचे को विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत दो वर्षों में स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा के क्षेत्र को सुदृढ़ करने को विशेष अधिमान दिया है तथा इन क्षेत्रों में आवश्यक बदलाव किए हैं।

नवजात का स्वास्थ्य मां से जुड़ा, मां के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत : शांडिल
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डाॅ. धनी राम शांडिल ने कहा कि नवजात शिशु का स्वास्थ्य सीधे तौर पर मां के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए मां के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने राज्य में 6 माह की आयु के शिशुओं के लिए स्तनपान की आवश्यकता के बारे में जागरूकता की कमी पर चिंता जताई।
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