Edited By Vijay, Updated: 23 Apr, 2023 07:45 PM

हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 4 वर्षों में पटरी पर लाया जाएगा, जिसके लिए कड़े फैसले लेने होंगे। पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण राज्य की आर्थिक स्थिति चिंताजनक है। इसके चलते सरकार को 6 हजार करोड़ रुपए का ऋण लेना पड़ा है।
मंडी (रजनीश): हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 4 वर्षों में पटरी पर लाया जाएगा, जिसके लिए कड़े फैसले लेने होंगे। पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण राज्य की आर्थिक स्थिति चिंताजनक है। इसके चलते सरकार को 6 हजार करोड़ रुपए का ऋण लेना पड़ा है। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने रविवार को मंडी शहर के देव संस्कृति सदन में आयोजित 2 दिवसीय हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के सिल्वर जुबली कार्यक्रम के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही।
प्रत्येक हिमाचली पर 92840 रुपए का कर्ज
सीएम ने कहा कि वर्तमान में प्रत्येक हिमाचलवासी पर 92840 रुपए का कर्ज है। इसके साथ ही कर्मचारियों के वित्तीय लाभ भी देय हैं लेकिन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद विकास के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन और प्रदेश हित में निर्णय लिए जा रहे हैं और आने वाले पीढ़ी इन निर्णयों से लाभान्वित होगी। आगामी 10 वर्षों में हिमाचल प्रदेश देश का सर्वाधिक समृद्ध राज्य बनेगा। इस मौके पर विधायक चंद्रशेखर, अनिल शर्मा, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, प्रकाश चौधरी, सोहन लाल ठाकुर, चंपा ठाकुर, पवन ठाकुर, नरेश चौहान, जीवन ठाकुर, सुरेंद्र पाल ठाकुर, संजीव गुलेरिया, शशि शर्मा, विकास कपूर, अमित सैनी, ब्रह्मदास चौहान, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डाॅ. गोपाल बैरी, डीसी अरिंदम चौधरी, एसपी सौम्या सांबशिवन उपस्थित रहे।
4 मेडिकल कालेज में शुरू होगी रोबोटिक सर्जरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मेडिकल काॅलेज शिमला, टांडा, नेरचौक व हमीरपुर में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने जा रही है और शिमला और टांडा चिकित्सा महाविद्यालयों में लेटेस्ट पैट स्कैन और सीटी स्कैन की सुविधा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार डिपार्टमैंट ऑफ एमरजैंसी मैडीसिन बना रही है, जिसके तहत चिकित्सकों और पैरामेडीकल स्टाफ 8 घंटे की शिफ्ट में काम करेंगे। इससे आपातकालीन सेवाओं में गुणवत्ता बढ़ने के साथ-साथ चिकित्सक और पैरामैडीकल स्टाफ स्वस्थ भी रहेंगे। इससे पहले परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि कोविड काल में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ और आशा कार्यकर्ताओं ने मानवता की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
दंत चिकित्सा उपकरणों पर दिया जाएगा 50 प्रतिशत उपदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि दंत चिकित्सकों के लिए राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत चिकित्सा उपकरणों पर 50 प्रतिशत का उपदान प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रज्य सरकार कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रयास कर रही है तथा 3 वर्ष में सभी सरकारी विभागों मे ई-वाहन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ-साथ हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की डीजल बसों को चरणबद्ध ढंग से ई-बसों से बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं को ई-बस, ई-टैक्सी, ई-ट्रक और ई-गुड्स कैरियर की खरीद पर 50 प्रतिशत उपदान का प्रावधान किया है। इसके साथ ही 250 किलोवाट से लेकर 2 मैगावाट क्षमता वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार 40 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करने जा रही है।
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