Edited By Vijay, Updated: 12 Dec, 2025 09:37 PM

आरबीआई की कार्रवाई के 2 महीने बाद बघाट बैंक सोलन सबसे बड़ी रिकवरी करने में कामयाब हुआ है। यह रिकवरी ऋण डिफाल्टर की प्रॉपर्टी बेचने से हुई है। बैंक ने शुक्रवार को 4 प्रॉपर्टी को 4.14 करोड़ रुपए में नीलाम किया है। इससे बैंक 34 लाख रुपए अतिरिक्त कमाने...
सोलन (पाल): आरबीआई की कार्रवाई के 2 महीने बाद बघाट बैंक सोलन सबसे बड़ी रिकवरी करने में कामयाब हुआ है। यह रिकवरी ऋण डिफाल्टर की प्रॉपर्टी बेचने से हुई है। बैंक ने शुक्रवार को 4 प्रॉपर्टी को 4.14 करोड़ रुपए में नीलाम किया है। इससे बैंक 34 लाख रुपए अतिरिक्त कमाने में कामयाब हुआ है। करीब 3.80 करोड़ की यह 4 प्रॉपर्टी बोली के ई-ऑक्शन के माध्यम से करीब 4.14 करोड़ में नीलाम किया। हालांकि 9 प्रॉपर्टी को खरीदने के लिए इस बार भी कोई खरीददार नहीं मिला है। इन प्रॉपर्टी की नीलामी की प्रक्रिया नए सिरे से शुरू होगी। ई-ऑक्शन में प्रॉपर्टी खरीदने वाले खरीददारों ने 10 फीसदी राशि जमा कर दी है, जबकि शेष राशि 15 दिनों में जमा करनी होगी। इस पूरी राशि के जमा होते ही बैंक का एनपीए 123 करोड़ रुपए घटकर 119 करोड़ रुपए रह जाएगा। सबसे महंगी प्रॉपर्टी बद्दी की बिकी है। 1.19 बीघा का यह प्लॉट 2.09 करोड़ रुपए में नीलाम हुआ, जबकि बैंक ने इसकी कीमत करीब 1.78 करोड़ रुपए रखी थी लेकिन ई-ऑक्शन में शामिल हुए खरीददारों के बीच में बोली को लेकर ऐसी प्रतियोगिता शुरू हुई कि यह प्रॉपर्टी बैंक को करीब 31 लाख रुपए अतिरिक्त देने में कामयाब रही। हरठ की भी 2 प्रॉपर्टी की आज नीलामी हुई।
यह दोनों करीब 8 बीघा जमीन थी। एक करीब 1 करोड़ रुपए में बिकी। इसकी कीमत करीब 97.72 लाख रुपए थी लेकिन ई-ऑक्शन में खरीददारों के बीच चली प्रतियोगिता के कारण बैंक को करीब 3.30 लाख रुपए अतिरिक्त मिल गए। हरठ की दूसरी जमीन करीब 32.52 लाख रुपए में नीलाम हुई। इसके अलावा जटोली मंदिर के पास भी 5 मंजिला भवन करीब 71.51 लाख रुपए में बिक गया है। अभी भी बैंक के पास 24 ऐसी प्रॉपर्टीज हैं, जिसकी आने वाले दिनों में नीलामी होनी है। इससे पूर्व 13 नवम्बर को 26 प्रॉपर्टी की नीलामी रखी गई थी लेकिन उस समय कोई खरीददार नहीं आया था। इस बार बैंक ने केवल 13 प्राॅपर्टी की नीलामी रखी थी, जिसमें से 4 बिक गईं। इससे बैंक प्रबंधन के भी पस्त हुए हौसले कुछ बुलंद हुए हैं। क्योंकि आने वाले समय में नीलाम होने वाली संपत्तियों की संख्या बढ़ने वाली है। 130 के आसपास फाइलें अटैचमैंट करने के लिए 4 जिलाें के तहसीलदारों के पास भेजी गई हैं। इसमें से कुछ संपत्तियां अटैच भी हो गई हैं। यह संपत्तियां भी आने वाले समय में नीलाम होंगी। बघाट बैंक के प्रबंध निदेशक राजकुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि 4 प्रॉपर्टी करीब 4.14 करोड़ रुपए में नीलाम हुई हैं। 15 दिनों में खरीददारों को पूरी राशि जमा करनी होगी।
एजीएम पर बनी सहमति
बघाट बैंक के निदेशक मंडल व शेयर होल्डर की शुक्रवार को बैठक हुई। बैंक के अध्यक्ष अरुण शर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में शेयर होल्डर फोरम ने मौजूदा हालात को देखते हुए तुरंत एजीएम की बैठक आयोजित करने का आग्रह किया, ताकि शेयर होल्डर के समक्ष पूरी स्थिति को रखा जा सके। यदि बैंक को किसी बैंक में मर्जर भी करना है तो इसका फैसला भी एजीएम की बैठक में ही होगा। फाेरम के प्रधान इंजीनियर सोम प्रकाश गुप्ता की ओर से यह प्रस्ताव रखा गया, जिसे बोर्ड ने मान लिया। अब एजीएम की प्रक्रिया शुरू हो गई। शेयर होल्डर का कहना था कि रिकवरी साइड बाई साइड चलती रहेगी लेकिन बैंक को बचाना सबसे ज्यादा जरूरी है। यदि आरबीआई ने कैपिंग को हटा दिया तो बैंक खाली भी हो सकता है। जिस तरह से रिकवरी चली हुई है, उससे सकारात्मक परिणाम नजर नहीं आ रहे हैं। इसलिए एजीएम की बैठक में ही अब हल निकालना होगा।
18 दिसम्बर के धरने पर सस्पैंस, शेयर होल्डर धरने से कर सकते हैं किनारा
बघाट बैंक के मुख्य कार्यालय के बाहर 18 दिसम्बर को सांकेतिक धरने पर सस्पैंस गहरा गया है। स्वामी विवेकानंद कल्याण संघ के बैनर तले खाताधारकों व शेयर होल्डर ने इस धरने का ऐलान किया था लेकिन शुक्रवार को शेयर होल्डर की निदेशक मंडल के साथ हुई बैठक के बाद उनका धरने के प्रति रुख नरम पड़ गया है। हालांकि निदेशक मंडल ने शेयर होल्डर से इस धरने को स्थगित करने का आग्रह किया था लेकिन शेयर होल्डर ने इसे माना तो नहीं लेकिन उनका कहना है कि धरने को लेकर जो बैठक होेनी थी, वह अभी हुई नहीं है। शेयर होल्डर फोरम के अध्यक्ष इंजीनियर सोम प्रकाश गुप्ता ने कहा कि धरने को लेकर जिस कमेटी के गठन की बात हुई थी, उसकी अभी कोई बैठक नहीं हुई है। बोर्ड के समक्ष उन्होंने जो मांग रखी थी, उसे मान लिया गया है। यदि बैठक होती है तो फिर देखेंगे कि धरना देना है या नहीं।