Edited By Vijay, Updated: 28 May, 2023 08:06 PM

केंद्र से एनपीएस अंशदान में दिए गए हक को वापस लेने के लिए कर्मचारियों की लड़ाई में सरकार साथ है। इस लड़ाई में मैं सेनापति हूं और आप मेरी सेना हैं। ऐसे में अपने हक के लिए दिल्ली भी कूच करना पड़े तो पीछे मत हटना। यह बात रविवार को धर्मशाला पुलिस मैदान...
धर्मशाला (तनुज/सचिन): केंद्र से एनपीएस अंशदान में दिए गए हक को वापस लेने के लिए कर्मचारियों की लड़ाई में सरकार साथ है। इस लड़ाई में मैं सेनापति हूं और आप मेरी सेना हैं। ऐसे में अपने हक के लिए दिल्ली भी कूच करना पड़े तो पीछे मत हटना। यह बात रविवार को धर्मशाला पुलिस मैदान में ओपीएस बहाली पर एनपीएस कर्मचारी महासंघ की आभार रैली में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि भाजपा कहती थी कि ओपीएस बहाल नहीं हो सकती लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आते ही कर्मचारियों को उनका हक दिया। एनपीएस में कर्मचारियों का अंशदान मार्च माह तक गया और अप्रैल से इसे बंद कर दिया। इस पर प्रदेश को 1790 करोड़ रुपए मिलने थे परंतु केंद्र ने इसे देने से मना कर दिया। नीति आयोग से इस मुद्दे को उठाया गया, वहीं अंशदान का भी 9245 करोड़ को वापस मांगा जा रहा है। सोमवार को भी दिल्ली में वह केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष मामले को उठाएंगे। सीएम ने कहा कि वह केंद्र से अपना हक मांग रहे हैं और कर्मचारी अपने हक की लड़ाई के लिए दिल्ली जाने के लिए भी तैयार रहें। इस दौरान उन्होंने कहा कि कर्मचारी उनकी सेना है और वह इस सेना के सेनापति हैं। अन्य कॉर्पोरेशन में ओपीएस की बहाली भी चरणबद्ध तरीके से की जाएगी।

कर्जे में नहीं चल सकता राज्य
सीएम ने कहा कि राज्य कर्जे में नहीं चल सकता है, ऐसे में प्रदेश को समृद्ध बनाने के लिए जलवायु, प्राकृतिक सौंदर्य और पानी का दोहन कर आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जाएगा, साथ ही प्रदेश में चल रहे प्रोजैक्ट को डिले न करने को लेकर अधिकारी-कर्मचारी भी ईमानदारी से कार्य करें। सरकार द्वारा बनाए जा रहे पावर प्रोजैक्ट के कार्यों को भी जल्द पूरा करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, जिससे कि सर्दियों में खरीदी जाने वाली विद्युत की बचत हो। इससे 1400 करोड़ रुपए की बचत होगी। सभी प्रोजैक्ट की वह प्रतिदिन मॉनिटरिंग कर रहे हैं जिससे कि इनके निर्माण में देरी से होने वाले आर्थिक नुक्सान से बचा जा सके।
हजारों कर्मचारियों ने जताया सरकार का आभार, सुखाश्रय योजना में दिया 31 लाख का चैक
कांग्रेस सरकार की पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पैंशन बहाल करने पर रविवार को धर्मशाला में प्रदेश भर से आए हजारों सरकारी कर्मचारियों ने सुखविंदर सरकार का आभार व्यक्त किया। धर्मशाला के कचहरी स्थित प्राचीन श्री हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ रैली का आगाज हुआ। श्री हनुमान मंदिर से रैली स्थल तक एनपीएस कर्मचारियों ने जगह-जगह सीएम का स्वागत किया और पुष्पवर्षा लगातार होती रही। इस दौरान सीएम को पैंशन पुरुष की संज्ञा देते हुए कर्मचारियों ने सीएम के पक्ष में जमकर नारे लगाए। आयोजन स्थल पर प्रदेश सरकार की ओर से अनाथ बच्चों के पालन-पोषण व पढ़ाई के लिए शुरू की गई सुखाश्रय योजना के लिए प्रदेश के हजारों कर्मचारियों ने पैसे इकट्ठा कर मुख्यमंत्री को मंच पर 31 लाख रुपए का चैक भेंट किया। कर्मचारियों ने एक स्वर में कांग्रेस सरकार को भविष्य में हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। आभार समारोह के दौरान महासंघ के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को गदा, चरखा और चंबा रूमाल भेंट कर सम्मानित किया। वहीं डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री को धनुष और मां शेरां वाली की प्रतिमा भेंट की गई। असके अलावा अन्य मंत्रियों व विधायकों को भी संघ की ओर से सम्मानित किया गया।
पंडाल में प्रवेश करते ही कंधों पर उठाकर मंच के पास पहुंचाए विक्रमादित्य
पुलिस मैदान धर्मशाला में कर्मचारियों की आभार रैली में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य के पंडाल में प्रवेश करते ही उन्हें समर्थकों और कर्मचारियों ने कंधों पर उठा मंच तक पहुंचाया तथा उन्हें सम्मानित किया। वहीं मंत्री ने भी हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन स्वीकार किया।

स्वास्थ्य मंत्री को मंच पर नहीं मिली बैठने की जगह
जैसे ही मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायक मुख्य द्वार से मंच की ओ गए तो इस दौरान भारी भीड़ एकत्रित हो गई। इस दौरान मंच पर मनमर्जी से मंत्री व विधायक कहीं भी बैठ गए। इस वजह से स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल्य को बैठने के लिए स्थान नहीं मिल पाया और वे स्टेज पर खड़े रहे। बाद में आयोजक मंत्री के लिए अलग से कुर्सी लेकर आए और उन्हें मंच पर बिठाया।

विधायक यादवेंद्र गोमा को सम्मानित करना भूले
आभार रैली के दौरान जब विधायकों को सम्मानित किया जा रहा था तो जयसिंहपुर के विधायक यादवेंद्र गोमा का नाम तो सम्मानित करने वाले बीच में ही भूल गए। बाद में उदघोषक को बताया कि यादवेंद्र गोमा का सम्मान नहीं हुआ है, जिस पर पुन: यादवेंद्र गोमा का नाम बोला गया और उन्हें सम्मानित किया गया।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here