हिमाचल में गुरुकुल पद्धति पर आधारित होंगे नशामुक्ति व पुनर्वास केंद्र : सुखविंदर सिंह

Edited By Vijay, Updated: 13 May, 2023 06:52 PM

cm sukhvinder singh

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश में स्टेट ऑफ द आर्ट नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र एक समग्र सोच के साथ गुरुकुल पद्धति पर आधारित होंगे, जहां पर नशे की गिरफ्त में आए...

शिमला (हैडली): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश में स्टेट ऑफ द आर्ट नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र एक समग्र सोच के साथ गुरुकुल पद्धति पर आधारित होंगे, जहां पर नशे की गिरफ्त में आए व्यक्तियों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए कार्य किया जाएगा और एक सादे जीवन एवं सामुदायिक सहयोग के लिए उन्हें प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नशीले पदार्थों की गिरफ्त में आ चुके युवाओं के लिए नशामुक्ति एवं पुनर्वास नीति तैयार करेगी। इस नीति के प्रारूप प्रस्ताव पर उन्होंने आयोजित बैठक में विस्तार से चर्चा की। 

पिछले 4-5 वर्षों में बढ़े नशाखोरी के मामले
सीएम ने कहा कि मौजूदा पीढ़ी अकेलेपन एवं मोबाइल में सिमटती गतिविधियों के कारण आसानी से नशे की गिरफ्त में आ रही है, विशेष तौर पर पिछले 4-5 वर्षों में प्रदेश में नशाखोरी के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसे युवाओं को नशे की प्रवृत्ति से बाहर निकालने तथा उनके पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठा रही है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान (एनआईएमएचएएनएस) के सहयोग से एक स्टेट ऑफ द आर्ट नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए लगभग 50 बीघा भूमि का चयन करने के लिए उन्होंने सम्बन्धित विभागों को उचित निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इस केंद्र के माध्यम से नशे की गिरफ्त में आए युवाओं को शैक्षणिक एवं व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने में भी मदद की जाएगी ताकि वे दोबारा सामान्य जीवन व्यतीत कर सके।

नशाखोरी पर अंकुश लगाना सरकार की प्राथमिकता
सीएम ने कहा कि नशाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए दीर्घावधि के लिए योजना बनाना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए प्रस्तावित नीति के प्रथम चरण में नशामुक्ति के लिए पुलिस व स्वास्थ्य विभाग तथा सलाहकार बोर्ड की मदद ली जाएगी, द्वितीय चरण में इनके पुनर्वास के लिए स्वास्थ्य, युवा सेवाएं एवं खेल, शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, कृषि और बागवानी विभाग के समन्वय से कार्य किया जाएगा। तृतीय चरण में समाज में इनके पुन: संयोजन के लिए शिक्षा, ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास तथा सहकारी बैंकों एवं समितियों का सहयोग लिया जाएगा। चौथे चरण में निगरानी एवं मूल्यांकन के लिए पुलिस, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास एवं स्थानीय निकायों का सहयोग लिया जाएगा। 

उपमुख्यमंत्री ने भी दिए बहुमूल्य सुझाव
बैठक में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल ने प्रस्तावित नशामुक्ति एवं पुनर्वास नीति पर एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव गृह भरत खेड़ा, सचिव स्वास्थ्य एम.सुधा देवी, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त यूनुस सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। 

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