Edited By Vijay, Updated: 13 Jan, 2021 06:24 PM
हिमाचल प्रदेश में क्रियान्वित की जा रही सभी मेडिकल कॉलेज परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करना और इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह बात बुधवार को राज्य में नए मेडिकल कॉलेजों के भवन...
शिमला (योगराज/जस्टा): हिमाचल प्रदेश में क्रियान्वित की जा रही सभी मेडिकल कॉलेज परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करना और इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह बात बुधवार को राज्य में नए मेडिकल कॉलेजों के भवन निर्माण की प्रगति को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि निष्पादन एजैंसियों को न केवल इन परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करना सुनिश्चित करना चाहिए बल्कि अनावश्यक विलंब से भी बचना चाहिए क्योंकि इससे लागत में वृद्धि होती है। उन्होंने अधिकारियों को सभी प्रकार के अवरोध दूर करने के निर्देश दिए ताकि प´रियोजनाएं संपूर्ण रूप से क्रियान्वयन के लिए पूर्णत: तैयार हो सकें।
वर्तमान में सरकारी क्षेत्र में 6, निजी क्षेत्र में एक कॉलेज कार्यशील
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में राज्य में सरकारी क्षेत्र में 6 मेडिकल कॉलेज व निजी क्षेत्र में एक कॉलेज कार्यशील है जबकि जिला बिलासपुर में एम्स निर्माणाधीन है। इसके अलावा जिला ऊना में पीजीआई सैटेलाइट सैंटर कार्यशील है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्यों को क्रियान्वयन एजैंसियों के साथ-साथ ठेकेदारों के साथ भी समन्वय बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में ओपीडी का भवन इस वर्ष 31 मार्च तक बन कर तैयार हो जाएगा। वहीं शिमला में चमियाणा के नजदीक आईजीएमसी के 300 बिस्तर से अधिक की क्षमता के सुपर स्पैशलिटी ब्लॉक का निर्माण अगले 4 से 5 माह में पूर्ण हो जाएगा।
नाहन कॉलेज का निर्माण अगले वर्ष मार्च तक होना चाहिए पूरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. वाईएस परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन का निर्माण 261 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। चिकित्सा महाविद्यालय के शिक्षण खंड का निर्माण अगले वर्ष मार्च तक पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए चिकित्सा महाविद्यालय भवन परिसर में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
290 करोड़ से होगा चम्बा कॉलेज का निर्माण
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चम्बा का निर्माण एनबीसीसी द्वारा किया जा रहा है, जिसके लिए भारत सरकार द्वारा 170.10 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं और प्रदेश सरकार ने अपने हिस्से के लगभग 18.90 करोड़ रुपए प्रदान किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना की कुल लागत 290 करोड़ रुपए है और प्रथम चरण में 200 बिस्तर की क्षमता का अस्पताल तथा छात्र-छात्राओं के लिए आवासीय परिसर आदि का निर्माण किया जाएगा, जबकि दूसरे व तीसरे चरण में प्रशासनिक खंड एवं चिकित्सक छात्रावास, एमएस और डीन आवास, सराय भवन और सभागार आदि को पूर्ण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला हमीरपुर में 355 करोड़ रुपए की लागत से डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल निर्मित किया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने भवन निर्माण एजैंसियों को दिए ये निर्देश
मुख्य सचिव अनिल खाची ने भवन निर्माण करने वाली एजैंसियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे परियोजनाओं की प्रगति की व्यापक योजना प्रदान करें ताकि उनकी लगातार समीक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि कार्य की प्रगति की समीक्षा के लिए एक एप को भी विकसित किया जा सकता है। इस दौरान मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं प्रधान निजी सचिव डॉ. आरएन बत्ता, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. रवि शर्मा, चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।