Edited By Jyoti M, Updated: 05 Nov, 2024 05:58 PM
स्कूल में तबेला या तबेले में स्कूल...। यही दृश्य देखने को मिलता है राजकीय उच्च विद्यालय सिंयुर में, जो हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र भरमौर में स्थित है। यहां 50 छात्र-छात्राएं गाय-भैंसों के बीच पढ़ाई करने को मजबूर है।
हिमाचल डेस्क। स्कूल में तबेला या तबेले में स्कूल...। यही दृश्य देखने को मिलता है राजकीय उच्च विद्यालय सिंयुर में, जो हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र भरमौर में स्थित है। यहां 50 छात्र-छात्राएं गाय-भैंसों के बीच पढ़ाई करने को मजबूर है। बता दें कि स्कूल भवन की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीण और अभिभावक सरकारी सिस्टम के सामने 35 साल से बीन बजा रहे हैं। लेकिन आज तक किसी के कान पर जूं नहीं रेंगी।
इस विद्यालय की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि जब भरमौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक, डॉ. जनकराज उच्च पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चों से मिलने के लिए वहां गए तो मवेशियों को स्कूल के बरामदे में बांधे हुए देख, उन्होंने इस मुद्दे को लेकर आक्रोश जताया।
विधायक ने घोषणा की कि वह इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे और मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के सामने इस समस्या को रखेंगे।
उन्होंने कहा कि भरमौर विधानसभा क्षेत्र से पिछले 35 साल में राज्य मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और विधायक रहे, लेकिन आज तक किसी ने भी इस पाठशाला को अपना भवन दिलाने की जहमत नहीं उठाई।
'मवेशियों की नहीं है जानकारी'
कुलबीर सिंह राणा, एडीएम भरमौर ने कहा कि सिंयुर उच्च पाठशाला निजी भवन में चल रही है। वहां पर मवेशियों को बांधे जाने की उन्हें जानकारी नहीं है। इस बाबत जानकारी जुटाकर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं पूरे मामले पर हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने जांच के आदेश दिए हैं।
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