Edited By Jyoti M, Updated: 05 Dec, 2024 01:59 PM
चम्बा में बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। ये पशु जहां दिन के समय सड़कों पर स्पीड ब्रेकर का कार्य कर रहे हैं, वहीं शाम के समय खेतों में घुसकर फसलों को भी चट कर रहे हैं।
चम्बा, (रणवीर): चम्बा में बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। ये पशु जहां दिन के समय सड़कों पर स्पीड ब्रेकर का कार्य कर रहे हैं, वहीं शाम के समय खेतों में घुसकर फसलों को भी चट कर रहे हैं। इन पशुओं के संरक्षण के लिए अभी तक पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा सके हैं। ये बेसहारा पशु लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं।
क्षेत्र में सुबह-शाम ठंड से ठिठुर रहे पशुओं का जमावड़ा सड़कों के किनारे देखने को मिल रहा है। जुम्महार मार्ग पर अप्पर जुलाहकड़ी व चम्बा-तीसा मार्ग पर राजपुरा के पास बेसहारा पशु लगातार परेशानी पैदा कर रहे हैं। जिला चम्बा में वर्तमान समय में आधा दर्जन गौसदन चल रहे हैं। इनमें करीब 400 से अधिक पशुओं को रखा गया है।
जिला मुख्यालय चम्बा में 2 गौसदन चल रहे हैं। इसके अलावा डल्हौजी तथा भटियात में भी गौसदन चल रहे हैं लेकिन इन गौसद्नों से जिलाभर में बेसहारा हुए पशुओं को संरक्षण प्रदान करना ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
बेसहारा पशुओं की समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाना जरूरी हो गया है। ये मौका पाते ही खेतों में घुस जाते हैं तथा फसलों को उजाड़ देते हैं, इसलिए प्रशासन को इस संबंध में पुख्ता कदम उठाने की जरूरत है। इनके संरक्षण के लिए समाजसेवी संस्थाओं के साथ-साथ पंचायत प्रतिनिधियों तथा प्रशासन को पुख्ता इंतजाम करने की जरूरत है।