Edited By prashant sharma, Updated: 13 Apr, 2021 03:22 PM

उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी में चैत्र नवरात्र मेले का आयोजन करीब 2 साल के बाद किया जा रहा है। मंगलवार को मां के दरबार में यह ऐतिहासिक मेला विधिवत आरंभ किया गया। हालांकि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण इस बार मेले का स्वरूप पहले...
ऊना (अमित शर्मा) : उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी में चैत्र नवरात्र मेले का आयोजन करीब 2 साल के बाद किया जा रहा है। मंगलवार को मां के दरबार में यह ऐतिहासिक मेला विधिवत आरंभ किया गया। हालांकि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण इस बार मेले का स्वरूप पहले जैसा नहीं है। प्रतिबंधों की बाढ़ के बीच इस बार केवल श्रद्धालुओं को दर्शन करने की छूट दी गई है। मेले के पहले दिन श्रद्धालुओं का भारी सैलाब माता की पवित्र पिंडी के दर्शन के लिए उमड़ा। मेले में दर्शन पर्ची के आधार पर ही श्रद्धालुओं को मां के दर्शन करने की व्यवस्था की गई है। संक्रमण के बढ़ते कहर के बीच कोविड-19 के तहत जारी की गई गाइडलाइंस का पालन करवाने के लिए भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
विश्व विख्यात शक्ति पीठ मन्दिर माता चिन्तपूर्णी में चैत्र नवरात्र मेले का मंगलवार को विधिवत शुभारंभ किया गया। वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण इस मेले का आयोजन 2 साल के बाद किया जा रहा है। साल 2020 में लॉकडाउन के चलते यह मेला रद्द करना पड़ा था। इस बार मेले के आयोजन के लिए जिला प्रशासन द्वारा पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। वहीं मंगलवार को मेले के पहले दिन श्रद्धा का सैलाब देखने को मिला। इस बार सरकार द्वारा कोविड नियमों के चलते मन्दिर खुले रहने के आदेशों के बीच मेले के आयोजन को हरी झंडी दिखाई गई है। जिसके चलते श्रद्धालु माता के दरवार पहुँच रहे हैं।
नवरात्र के चलते मन्दिर को भी रंग विरँगे फूलों व लाईटो से सजाया गया हैं। मन्दिर प्रशासन ने नवरात्र के चलते सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। मन्दिर के बहुमंजिला भवन में दर्शन पर्ची की व्यवस्था की गई है। वहीं पर श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैनिग की जा रही हैं। मन्दिर परिसर में दर्शन स्थल पर हैंड सनेटेजर की व्यवस्था की गई हैं। पिछले साल कोरोना के चलते मन्दिर बंद था, परंतु इस बार कोविड नियमों की पालना करते हुए श्रद्धालु माता जी के दर्शन के लिए पहुंच रहे है। डीसी राघव शर्मा ने बताया कि चिंतपूर्णी में नवरात्र मेला के लिए कोरोना महामारी से बचाव को लेकर विशेष दिशा निर्देश जारी किये गए और श्रद्धालुओं को इन दिशा निर्देशानुसार ही मंदिर में प्रवेश मिल रहा है।