Shimla: केंद्र सरकार लौटाए एन.पी.एस. कर्मचारियों की 9,200 करोड़ रुपए की राशि

Edited By Jyoti M, Updated: 03 Feb, 2025 01:07 PM

central government should return rs 9 200 crores of nps employees

हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक रोटरी क्लब शिमला में अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में हुई। इसमें पूरे प्रदेश के अलग-अलग विभागों की यूनियनों से आए हुए चुने हुए पदाधिकारियों ने भाग लिया और सामूहिक तौर पर...

शिमला, (ब्यूरो) : हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक रोटरी क्लब शिमला में अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में हुई। इसमें पूरे प्रदेश के अलग-अलग विभागों की यूनियनों से आए हुए चुने हुए पदाधिकारियों ने भाग लिया और सामूहिक तौर पर निर्णय लिया गया कि सभी कर्मचारियों की मांग पर एक एजैंडा तैयार करके सरकार को सौंपा जाएगा।

बैठक में केंद्र सरकार द्वारा 2025 के लिए पारित बजट में कर्मचारियों की 12,75,000 रुपए तक की आय को टैक्स फ्री करने का स्वागत किया है, साथ ही केंद्र सरकार से एन.पी.एस. कर्मचारियों की एन.एस.डी.एल. कंपनी के पास लगभग 9,200 करोड़ रुपए की जो राशि पड़ी है, उसे वापस हिमाचल सरकार को लौटाने की मांग की गई है, जिससे कर्मचारियों की देनदारी शीघ्र दी जा सके। महासंघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान का कहना है कि यदि यह राशि राज्य सरकार को मिल जाती है तो इससे कर्मचारियों की बकाया राशि जोकि 10,000 करोड़ से अधिक है, का भुगतान हो पाएगा।

बैठक में जो प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार को देने के लिए तैयार किए गए हैं, उनमें मुख्यत कर्मचारियों का 11 प्रतिशत डीए का बकाया और इसके अतिरिक्त डी.ए. के एरियर की बकाया राशि सहित छठे वेतन आयोग के एरियर की बकाया राशि देने की मांग की गई है। 4-9-14 टाइम स्केल को बहाल करने की मांग और जिन कर्मचारियों को पिछला 4-9-14 टाइम स्केल का लाभ नहीं मिला है, उसे चरणबद्ध तरीके से कर्मचारियों को देने, कालेज और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को करियर एडवांसमैंट स्कीम यू.जी.सी. की तर्ज पर देने, ओल्ड पैंशन स्कीम से छूटे हुए कर्मचारी विभागों, बोर्डों, निगमों की पैंशन बहाल करना, जिसमें मुख्यत: स्टेट इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड, कॉर्पोरेशन व जिला परिषद सदस्य शामिल हैं। बैठक में महासचिव हीरालाल वर्मा, पैटर्न गोविंद चित्रांटा, कुलदीप खरवाड़ा, अरुण गुलेरिया, कामेश्वर शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वनिता सकलानी, उपाध्यक्ष डा. सुरेंद्र डोगरा, डा. बी.एस. दिलटा, डा. नितिन व्यास, गीता राम शर्मा, तिलक नायक, मनोज शर्मा व तारा दत्त शर्मा ने भाग लिया।

विभागों, बोर्डों, निगमों में पदों को समाप्त करने पर कर्मचारियों ने जताई आपत्ति

यू.पी.एस. स्कीम का सभी कर्मचारी संगठनों ने विरोध किया और हिमाचल में यू.पी.एस. को बहाल न करने की मांग की। सभी विभागों, बोर्डों व निगमों में खाली पड़े पदों को भरने और किसी भी विभाग, बोर्ड व निगम में पदों को समाप्त करने पर सभी कर्मचारी संगठनों ने आपत्ति व्यक्त की और सरकार से मांग की है कि किसी भी तरह के पदों को समाप्त करने से पहले स्टेक होल्डर्स से सरकार बात करके ही उनकी सहमति से कोई निर्णय ले।

करुणामूलक आधार पर सभी विभागों में पदों को भरने और इनकम सीलिंग क्राइटीरिया को 6 लाख रुपए तक बढ़ाने की मांग की गई है। एच.आर.टी.सी. को रोडवेज का दर्जा देने और कर्मियों के ओवर टाइम की बकाया राशि जिसे मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री ने जारी करने की घोषणा की थी, उसे अभी तक नहीं दिया गया है। उसे तुरंत जारी करने की मांग की गई।

बिजली बोर्ड में 600 पदों को समाप्त करने पर रोक लगाई जाए

बिजली बोर्ड में जो 600 पद समाप्त करने के लिए चिन्हित किए गए हैं, उस पर रोक लगाई जाए। नए पे-कमीशन के अनुसार मैडीकल अलाऊंस को ओपन करने के लिए ऑप्शन बहाल की जाए, सभी तरह के अलाऊंस व चाइल्ड केयर लीव सभी पात्र महिला कर्मचारियाें को दी जाए। कॉर्पोरेट सैक्टर में भी मैडीकल रिइंबरसमैंट की फैसिलिटी बहाल की जाए, जिस तरह से काॅन्ट्रैक्ट इम्प्लाइज सर्विस विधेयक पारित किया गया, उसी तर्ज पर ओ.पी.एस. विधेयक भी विधानसभा में लाया जाए और उसे भी पारित किया जाए।

सभी कर्मचारी संगठनों ने काॅन्ट्रैक्ट इम्प्लाई सर्विस बिल का विरोध किया और उसे वापस करने की मांग की है। स्टडी लीव के दौरान कर्मचारियों को विशेष कर अध्यापकों और डाक्टर को पूरी सैलरी दी जाए। जिला परिषद के कर्मचारियों को पंचायती राज के अंतर्गत लाया जाए और उन्हें भी पैंशन दी जाए। पटवारी, कानूनगो और पुलिस को स्टेट कैडर की बजाय जिला कैडर में रखा जाए, सभी आऊटसोर्स के दायरे के कर्मचारियों को सरकारी विभाग में लाकर उन्हें नियमित किया जाए, शिक्षा विभाग में कम्प्यूटर और वोकेशनल टीचर्स को पॉलिसी के तहत लाकर नियमित किया जाए, भविष्य में आऊटसोर्स पीरियड बेस या गैस्ट टीचर फैकल्टी का विरोध किया गया और इस तरह के सिस्टम की बजाय नियमित आधार पर कर्मचारियों को नियुक्ति दी जाए।

हर जिले में बड़े-बड़े जनरल हाऊस करेगा महासंघ

वीरेंद्र चौहान ने कहा है कि बैठक में निर्णय लिया गया कि संयुक्त कर्मचारी महासंघ हर जिले में बड़े-बड़े जनरल हाऊस करेगा, जिसकी शुरूआत फरवरी के अंतिम सप्ताह में शिमला से की जाएगी और महीने में 2 जिलों में जनरल हाऊस किए जाएंगे, जिससे संगठन की गतिविधियों को मजबूत किया जाएगा और संयुक्त कर्मचारी महासंघ के कुनबे को और बड़ा किया जाएगा। इस दौरान बिजली बोर्ड द्वारा 11 फरवरी को हमीरपुर में की जा रही महापंचायत का समर्थन किया और इसमें भाग लेने का भी निर्णय लिया है।

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