Edited By Vijay, Updated: 09 Oct, 2025 10:51 PM

बिलासपुर जिला के बरठीं-भल्लू मार्ग पर हुए भयानक हादसे ने सुन्हाणी पंचायत के बरड़ गांव को कभी न भरने वाले गहरे शोक में डुबो दिया है। इस दर्दनाक हादसे में बस चालक रजनीश उर्फ विक्की (33) की मौत हो गई।
घुमारवीं (जम्वाल): बिलासपुर जिला के बरठीं-भल्लू मार्ग पर हुए भयानक हादसे ने सुन्हाणी पंचायत के बरड़ गांव को कभी न भरने वाले गहरे शोक में डुबो दिया है। इस दर्दनाक हादसे में बस चालक रजनीश उर्फ विक्की (33) की मौत हो गई। रजनीश सिर्फ एक चालक नहीं, बल्कि गांव की पहचान और रामलीला के जीवंत 'हनुमान' था। उनकी मौत की खबर से पूरे इलाके में मातम पसर गया है। रजनीश हर साल गांव की रामलीला में हनुमान का किरदार निभाता था। मंच पर जब वह हाथ में गदा थामे "जय बजरंगबली" का जयकारा लगाता, तो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर किसी के चेहरे पर श्रद्धा और गर्व की चमक बिखर जाती थी। वह गांव के हर दिल में बसता था, एक खुशमिजाज इंसान और बजरंगबली के सच्चे भक्त के रूप में जाना जाता था।
हादसे से पहले मिले थे 'हनुमान के दूत'
हादसे से ठीक पहले एक अजीब संयोग भी देखने को मिला। बस चलाते समय सड़क पर अचानक 3 बंदर आ गए। बजरंगबली के भक्त रजनीश ने हमेशा की तरह उन्हें सुरक्षित रास्ता दिया और फिर बस को आगे बढ़ाया, लेकिन कुछ ही दूरी पर पहाड़ी से एक बड़ा पत्थर और भारी मलबा बस पर आ गिरा। बस मलबे में दब गई और विक्की की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। विडंबना यह है कि यह हादसा ठीक उसी स्थान पर हुआ, जिसके ठीक सामने बजरंगबली की एक विशाल मूर्ति स्थापित है।
दाेस्त बाेले-विक्की हमारा हनुमान था, हमारी पहचान था
विक्की के दोस्त राकेश, संजीव ठाकुर, सुनील कुमार और गांव के लोग रणवीर, रिंकू शर्मा व विपिन अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं। उन्होंने नम आंखों से कहा कि विक्की सिर्फ एक ड्राइवर नहीं था, वह हमारे गांव की जान था, हमारी पहचान था। उसकी हनुमान जैसी भक्ति और सेवा भावना हर किसी के दिल में हमेशा जिंदा रहेगी। लगभग 13 वर्षाें से ड्राइवरी कर रहा रजनीश अपने पीछे पत्नी और करीब 5 साल के मासूम बेटे को छोड़ गया है। इस हादसे ने न सिर्फ एक परिवार से उसका सहारा छीना है, बल्कि एक पूरे गांव ने अपना 'हनुमान' खो दिया है।