Himachal: बद्दी में नकली दवा बनाने वाली कंपनी के मालिक को हाईकोर्ट से झटका, जमानत याचिका खारिज

Edited By Vijay, Updated: 24 Dec, 2024 12:16 PM

bail plea of  fake drug dealer rejected

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में नकली दवा बनाने वाली कंपनी के मालिक की जमानत याचिका रद्द कर दी है।

शिमला (मनोहर): हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में नकली दवा बनाने वाली कंपनी के मालिक की जमानत याचिका रद्द कर दी है। न्यायाधीश विरेंद्र सिंह ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि भारी मात्रा में घटिया/नकली दवाओं की बरामदगी अपराध की गंभीरता को बयां करती है और अगर प्रार्थी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा कि ऐसा अपराध करने के बाद भी आवेदक समाज में खुलेआम घूम रहा है। कोर्ट ने जमानत याचिका रद्द करने का एक और कारण स्पष्ट करते हुए कहा कि नकली दवाओं का उन लोगों पर प्रभाव जो आशा और विश्वास में उनका सेवन करते थे, को अभी की परिस्थिति में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि सरकारी विश्लेषक, क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला चंडीगढ़ की रिपोर्ट भी अपराध की गंभीरता के बारे में बहुत कुछ कहती है। कोर्ट ने कहा कि आवेदक को जमानत पर रिहा करने से अन्य दवा निर्माताओं को भी आसान पैसा कमाने के लिए घटिया/नकली दवाएं बनाने/विपणन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

ये है मामला
मामले के अनुसार प्रार्थी अवेंद्र शुक्ला ने उसे ड्रग्स इंस्पैक्टर बद्दी द्वारा ड्रग्स एंड कॉस्मैटिक्स एक्ट, 1940 की विभिन्न धाराओं के तहत पंजीकृत मामले में जमानत पर रिहा करने के लिए जमानत याचिका दायर की थी। उसे 6 अक्तूबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था। जांच एजैंसी के अनुसार 27 जनवरी, 2023 को लाइसैंस की समाप्ति के बावजूद बद्दी स्थित मैसर्ज ग्लेनमार्स हैल्थकेयर एलोपैथिक दवाओं का कारोबार कर रही थी और प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार बरामद दवाएं घटिया/नकली गुणवत्ता की पाई गईं। शिकायतकर्त्ता के अनुसार उक्त परिसर से भारी मात्रा में दवाइयां यानी एमोक्सस-500 कैप्सूल (69 बक्से), डॉक्सटिल-200 टैबलेट (79 बक्से), एमईएफ200 टैबलेट (100 बक्से), जैथ्रॉन-500 टैबलेट (26 बक्से), रॉक्सिम-500 कैप्सूल (66 बक्से) और एम्पीसिलीन-500 कैप्सूल (19 बक्से) बरामद किए गए थे। इसके बाद इन दवाओं को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया और विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार उपरोक्त 5 दवाओं में वास्तविक सामग्री का प्रतिशत 00.00% था, जबकि एक उल्लेखित दवा में यह 83.71% पाया गया। जांच एजैंसी ने कथिततौर पर पाया कि मैसर्ज ग्लेनमार्स हैल्थकेयर से बरामद दवाएं नकली प्रकृति की हैं और प्रार्थी फर्जी फर्म के नाम से नकली और घटिया दवाओं के निर्माण में लिप्त हैं।
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