कोविड-19 के फ्रंट मोर्चे पर लड़ रही आशा वर्कर में सरकार के उपेक्षा से घोर निराशा : राणा

Edited By prashant sharma, Updated: 26 May, 2020 05:41 PM

asha worker frustrated by the government s neglect rana

राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि फाइनेंशियल मैनेजमेंट के मामले पर सरकार बुरी तरह फ्लॉप हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की गंभीरता से इंकार नहीं है, लेकिन कोरोना के बहाने तमाम विकास कार्य ठप्प करना जनता...

हमीरपुर : राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि फाइनेंशियल मैनेजमेंट के मामले पर सरकार बुरी तरह फ्लॉप हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की गंभीरता से इंकार नहीं है, लेकिन कोरोना के बहाने तमाम विकास कार्य ठप्प करना जनता के साथ धोखा करना है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से विपक्ष ही नहीं उनके अपने विधायक और मंत्री भी रुष्ट व अंसतुष्ट हैं। 50 हजार करोड़ का बजट पारित करने वाली बीजेपी सरकार ने विधायकों की विकास निधि फ्रीज करके ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाला छोटा-छोटा विकास भी बंद करवा कर रख दिया है। सरकार की फाइनेंशियल हालत इतनी खराब नहीं है कि उन्हें आम आदमी के विकास के लिए जारी विधायक निधि को रोकना पड़ जाता लेकिन अगर सच में ही सरकार के फाइनेंशियल हालात इतने बदतर हो चुके हैं? कि सरकार का काम कर्मचारियों का वेतन काटकर व विधायकों की निधि फ्रीज करके ही चल पा रहा है तो सरकार को प्रदेश के फाइनेंशियल स्टेटस पर तुरंत श्वेत पत्र जारी करना चाहिए और अगर सरकार को समझ नहीं आ रहा है तो विपक्ष की राय लेने में कोई गुरेज नहीं करना चाहिए। क्योंकि विपक्ष का विधायक मंडल भी जनता के जनादेश से ही चुना गया है और इस तरह सरकार विपक्ष की राय पर अमल करने से छोटी नहीं हो जाएगी। 

उन्होंने कहा कि कोविड-19 की बीमारी के बचाव के लिए अगर सरकार वित्तीय संकट महसूस कर रही है तो मंडी एयरपोर्ट के लिए 1 हजार 30 करोड़ रुपए का एलोकेट बजट लंबित किया जा सकता है और फिलहाल इस बजट को कोविड संकट से निपटने के लिए हेल्थ विभाग को दिया जा सकता है। राणा ने कोविड-19 के बचाव के लिए दिन-रात हर घर व हर दर पर पहुंचने वाली आशा वर्करज की जोरदार पैरवी करते हुए कहा है कि कोविड-19 के फ्रंट मोर्चे पर लड़ रही इस गरीब जमात का सरकार इस दौर में शोषण न करे। करीब 50 रुपए प्रति रोज पर काम करने वाली यह बेबस आशा वर्कर घोर निराशा के दौर में हैं। उन्होंने मांग की है कि सरकार जहां एक ओर इस दौर में फ्रंट मोर्चे पर लड़ रही आशा वर्करों का मानदेय बढ़ाए, वहीं कोरोना काल के लिए इन्हें अतिरिक्त व आकर्षक मानदेय भी जारी करे, ताकि इस वर्ग के साथ न्याय हो सके।

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