Edited By Vijay, Updated: 26 Oct, 2018 08:24 PM
आई.आई.टी. मंडी की मनमानियों का एक और खुलासा हुआ है। इस बार सवालों के घेरे में आया है आई.आई.टी. परिसर में चल रहा निजी स्कूल। आई.आई.टी. मंडी की कारगुजारियों का खुलासा कर चुके यहीं के एक कर्मचारी सुजीत स्वामी ने कैंपस में खुले निजी स्कूल के बारे में...
मंडी (नीरज): आई.आई.टी. मंडी की मनमानियों का एक और खुलासा हुआ है। इस बार सवालों के घेरे में आया है आई.आई.टी. परिसर में चल रहा निजी स्कूल। आई.आई.टी. मंडी की कारगुजारियों का खुलासा कर चुके यहीं के एक कर्मचारी सुजीत स्वामी ने कैंपस में खुले निजी स्कूल के बारे में एच.आर.डी. मिनिस्ट्री और आई.आई.टी. से आर.टी.आई. लगाकर अलग-अगल जानकारी मांगी। एच.आर.डी. मिनिस्ट्री ने जबाव में कहा कि किसी भी आई.आई.टी. कैंपस में निजी स्कूल का संचालन नहीं किया जा सकता। यहां सिर्फ केंद्रीय विद्यालय ही चलाया जा सकता है और इस संदर्भ में एच.आर.डी. मिनिस्ट्री का केंद्रीय विद्यालय प्रबंधन के साथ एम.ओ.यू. भी साइन हो चुका है। इस संदर्भ में मंत्रालय ने 28 जुलाई, 2016 को सभी आई.आई.टी. संस्थानों को सर्कुलर भी जारी कर दिया था। 2016 में सर्कुलर जारी होने के बाद भी आई.आई.टी. मंडी के प्रबंधन ने अप्रैल, 2017 में यहां एक निजी स्कूल को अपने ही कैंपस में खोल दिया।
कर्मचारियों और अधिकारियों के बच्चे ले रहे शिक्षा
माइंड ट्री नाम से चल रहे इस निजी स्कूल के संचालन के लिए आई.आई.टी. ने अपने कैंपस का एक शानदार भवन दे रखा है। आई.आई.टी. में काम करने वाले सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के बच्चे यहां पढ़ते हैं। खास बात तो यह है कि स्कूल का उद्घाटन आई.आई.टी. मंडी के डायरैक्टर साहब की धर्मपत्नी ने ही किया है। जानकारी यह भी है कि आई.आई.टी. में काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के परिजन ही इस स्कूल में अपनी सेवाएं भी दे रहे हैं। सुजीत स्वामी ने जब आई.आई.टी. प्रबंधन से आर.टी.आई. के माध्यम से यह पूछा कि स्कूल को किन प्रावधानों के तहत खोला है और प्रबंधन की तरफ से इसमें क्या सहयोग किया जा रहा है तो प्रबंधन ने आर.टी.आई. का जबाव देते हुए कहा कि इस संदर्भ में उनके पास कोई जानकारी मौजूद नहीं है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस स्कूल के बारे में प्रबंधन जानकारी देने से क्यों कतरा रहा है? दाल में कुछ काला है या फिर दाल ही काली है, इस तरफ स्पष्ट संकेत जा रहे हैं।
नियमों को ताक पर रखकर खोला गया स्कूल
आर.टी.आई. से जानकारी मांगने वाले सुजीत स्वामी का कहना है कि स्कूल को नियमों को ताक पर रखकर खोला गया है और अब इसकी जानकारी को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वह इस संदर्भ में एच.आर.डी. मिनिस्ट्री को शिकायत भेजने जा रहे हैं ताकि इसकी निष्पक्ष जांच हो सके और दोषियों पर कार्यवाही की जा सके। सुजीत स्वामी ने आरोप लगाया कि व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उक्त निजी स्कूल खोला गया है और भारत सरकार के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि कैंपस में केंद्र्रीय विद्यालय खुलता है तो इसका आसपास के ग्रामीणों को भी लाभ मिलेगा लेकिन आई.आई.टी. उलटा निजी स्कूलों को लाभ देने का प्रयास कर रही है।
क्या कहते हैं आई.आई.टी. मंडी के रजिस्ट्रार
वहीं जब इस बारे में आई.आई.टी. मंडी के रजिस्ट्रार विशाल सिंह से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि संस्थान में भारत सरकार के आदेशों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। कुछ निर्णय संस्थान की बी.ओ.डी. लेती है और स्कूल खोलने का निर्णय भी बी.ओ.डी. द्वारा ही लिया गया है और उसी के आधार पर इसका संचालन भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि आर.टी.आई. का जबाव भी प्रावधानों के तहत ही दिया गया है।
मनमानी का यह पहला मामला नहीं
बता दें कि आई.आई.टी. मंडी पर मनमानी का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी यहां चहेतों को रेवडिय़ां बांटने का खुलासा आर.टी.आई. से हो चुका है। संस्थान के ही कर्मचारी सुजीत स्वामी ने इसका खुलासा किया था। इन दिनों सुजीत स्वामी के खिलाफ आई.आई.टी. प्रबंधन द्वारा संस्थान के विरूद्ध की गई गतिविधियों को लेकर जांच चल रही है।