Edited By Vijay, Updated: 06 Sep, 2024 06:03 PM
अपनी मांगों को लेकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे जलरक्षकों ने शुक्रवार को विधानसभा के बाहर सरकार के खिलाफ खूब हल्ला बोला।
शिमला (संतोष): अपनी मांगों को लेकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे जलरक्षकों ने शुक्रवार को विधानसभा के बाहर सरकार के खिलाफ खूब हल्ला बोला। इस बार बाकायदा परमिशन लेकर पहुंचे प्रदेशभर के जलरक्षकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए चौड़ा मैदान में पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग तोड़ने का भी प्रयास किया और पुलिस के साथ झड़प भी हुई। विधानसभा के मानसून सत्र के 9वें दिन विधानसभा के बाहर जलरक्षक अपनी मांगों को लेकर चौड़ा मैदान में एकत्रित हुए और यहां से विधानसभा की ओर कूच करने निकले, लेकिन पुलिस ने यहां सिसिल होटल के पास बैरिकेडिंग कर दी और जलरक्षकों को पुलिस ने यहां रोका, लेकिन अपनी मांगों को लेकर उग्र हुए जलरक्षकों ने बैरिकेड्स के ऊपर चढ़ने का प्रयास भी किया और इस दौरान जलरक्षकों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।
सरकार मांगों को सुनने के लिए तैयार नहीं : रूप लाल
जलरक्षक महासंघ के अध्यक्ष रूप लाल उर्फ ज्वालू राम ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को सुनने के लिए तैयार नहीं है। लाखों रुपए सैलरी लेने वालों को तो समय से वेतन मिल रहा है, लेकिन 4-5 हजार रुपए वेतन लेने वालों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कम वेतन में घर चलाना मुश्किल हो रहा है। 12 वर्ष की नौकरी पूरी कर चुके जलरक्षकों को नियमित करने और अनुबंध की अवधि 12 वर्ष से घटाकर 8 वर्ष करने की स्थायी नीति बनाए जाने की उनकी प्रमुख मांग है, जिसे लेकर वे कई बार सरकार से गुहार लगा चुके हैं।
सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर न करे सरकार
रूप लाल ने कहा कि लाखों रुपए सैलरी लेने वालों की तनख्वाह 5 दिन देरी से मिली तो विपक्ष ने भी मामला सदन में पुरजोर से उठाया, लेकिन उनकी आवाज विपक्ष भी नहीं उठा रहा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने न्यूनतम वेतनमान देने की बात कही थी, लेकिन मिलेगा कब, यह पता नहीं। सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें कोई सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर न करे। सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो यहीं भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे और आंदोलन को और उग्र रूप देंगे।
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