Edited By Vijay, Updated: 27 Sep, 2024 09:07 PM
हिमाचल में जलक्रीड़ा गतिविधियों के लिए व्यापक प्रोत्साहन दिया जा रहा है और राज्य सरकार प्रदेश में जलक्रीड़ा गतिविधियों को बहुआयामी तरीके से विस्तार प्रदान कर रही है।
शिमला (संतोष): हिमाचल में जलक्रीड़ा गतिविधियों के लिए व्यापक प्रोत्साहन दिया जा रहा है और राज्य सरकार प्रदेश में जलक्रीड़ा गतिविधियों को बहुआयामी तरीके से विस्तार प्रदान कर रही है। इस अभिनव पहल का उद्देश्य राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना और राज्य के जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है। जलक्रीड़ा आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहन प्रदान करने के सरकार के इस प्रयास से हिमाचल प्रदेश देशी-विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के पौंग बांध में भी साहसिक खेल गतिविधियां शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस दिशा में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मतियाल और जसवां-प्रागपुर विधानसभा क्षेत्र के नंगल चौक क्षेत्र में पौंग बांध में जलक्रीड़ा गतिविधियां शुरू करने की अनुमति मिल गई है। पर्यटन विभाग जून, 2025 तक शिकारा, क्रूज फ्लोटिंग रेस्तरां, हाऊस बोट तथा अन्य जल आधारित खेल गतिविधियों का संचालन शुरू करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि पौंग बांध में साहसिक खेल गतिविधियों को शुरू करने का उद्देश्य कांगड़ा जिले में पर्यटकों की आमद में बढ़ौतरी करना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अनेक पहल की हैं और इन पहलों के फलस्वरूप इस वर्ष लगभग 2 करोड़ पर्यटकों के आने की उम्मीद है।
यहां जारी बयान में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जिला बिलासपुर में इस वर्ष अक्तूबर के अंत तक पर्यटकों को क्रूज की सुविधा उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत गोबिंद सागर झील में क्रूज चलाने का ट्रायल आरंभ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सुविधा संपन्न पर्यटकों को बेहतर हवाई सेवाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार बिलासपुर से मनाली या कुल्लू तक हैली टैक्सी सेवा शुरू करने पर भी विचार कर रही है।
ऊना के अंदरौली में जलक्रीड़ा गतिविधियों के लिए निविदाएं कीं आमंत्रित
उन्होंने कहा कि जिला ऊना के अंदरौली में गोबिंद सागर झील में जलक्रीड़ा गतिविधियां भी शुरू होने वाली हैं। इसके लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं और संभवत: इस माह के अंत तक इन्हें जारी कर दिया जाएगा। इस वर्ष के अंत तक जलक्रीड़ा गतिविधियों, पैराग्लाइडिंग और अन्य संबद्ध गतिविधियों सहित साहसिक खेलों को शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन साहसिक गतिविधियों को औपचारिक रूप से शुरू करने के लिए शीघ्र ही अंदरौली में गोबिंद सागर झील कार्निवाल का आयोजन किया जाएगा।
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