Edited By Vijay, Updated: 15 May, 2021 11:38 PM
कांगड़ा जिला के बड़ोह तहसील के एक बुजुर्ग की मौत के बाद परिवार ने प्रशासन से कोरोना गाइडलाइंस के तहत अंतिम संस्कार की इच्छा जताई तो वृद्ध की उम्र को देखते हुए प्रशासन ने अर्थी को फूलों व गुब्बारों से सजवाते हुए पूरे कोरोना नियमों के तहत बुजुर्ग को...
बड़ोह, (नगरोटा बगवां) (विशाल स्याल): कांगड़ा जिला के बड़ोह तहसील के एक बुजुर्ग की मौत के बाद परिवार ने प्रशासन से कोरोना गाइडलाइंस के तहत अंतिम संस्कार की इच्छा जताई तो वृद्ध की उम्र को देखते हुए प्रशासन ने अर्थी को फूलों व गुब्बारों से सजवाते हुए पूरे कोरोना नियमों के तहत बुजुर्ग को ससम्मान आखिरी विदाई दी। अपने समय में पहलवान रहे और ग्रामीणों को अक्सर पाकिस्तान के लाहौर की बातें सुनाने वाले वयोवृद्ध शख्स को आज प्रशासन की देखरेख में पूरे कोविड नियमों की अनुपालना करते हुए भावभीनी विदाई दी गई।
कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां के गांव चंदरोट के निवासी चमारू राम ने आज अपने घर में अंतिम सांस ली। परिवार व पंचायत का दावा है कि चमारू राम की उम्र 115 साल रही। उनकी मौत से कुछ दिन पहले उनके पारिवारिक सदस्य कोरोना की चपेट में आ गए। हालांकि वे रिकवर भी हो गए, लेकिन इसी बीच आज परिवार के मुखिया चमारू राम की अचानक मौत हो गई, जिसके बाद परिवार ने प्रशासन से उनका अंतिम संस्कार कोरोना गाइडलाइंस के साथ करने की इच्छा जताई। इसके बाद तहसीलदार बड़ोह शिखा राणा ने पंचायत के साथ मिलकर सारा प्रबंध किया।
लाहौर से आए थे, रहे हैं नामी पहलवान
चमारू राम के इकलौते पुत्र सेना से ऑनरेरी कैप्टन रिटायर्ड जगत राम और पंचायत प्रधान राम चंद ने प्रशासन को बताया कि चमारू राम जो नामी पहलवान रहे हैं अपने समय में लाहौर से यहां आए थे और कुश्तियों में बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए अच्छे-अच्छे पहलवानों को चित्त कर देते थे। उन्होंने दावा किया कि उनकी उम्र 115 साल है, लेकिन इसका उनके पास कोई प्रमाण नहीं है। तहसीलदार बड़ोह शिखा राणा ने कहा कि मृतक बुजुर्ग की उम्र को देखते हुए सम्मानजनक विदाई देने के लिए उनकी अर्थी को फूलों, गुब्बारों व अन्य साजो-सामान के साथ सजवाया गया था। उनका अंतिम संस्कार पूरी तरह से कोरोना एडवाइजरी के तहत किया गया है।