Himachal: उत्तर भारत के कुख्यात गैंग शाह सिंडिकेट के 4 और गुर्गे गिरफ्तार, कोर्ट ने पुलिस रिमांड पर भेजा

Edited By Vijay, Updated: 08 Feb, 2025 12:15 PM

4 more henchmen of shah syndicate arrested court sent on police remand

उत्तर भारत के नामी गैंग शाह सिंडिकेट के गुर्गों को धर दबोचने की शिमला पुलिस की चल रही मुहिम लगातार जारी है। नाइजीरियन के साथ जुड़े इस अंतर्राज्यीय गैंग के चार और गुर्गे पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं...

शिमला (संतोष कुमार): उत्तर भारत के नामी गैंग शाह सिंडिकेट के गुर्गों को धर दबोचने की शिमला पुलिस की चल रही मुहिम लगातार जारी है। नाइजीरियन के साथ जुड़े इस अंतर्राज्यीय गैंग के चार और गुर्गे पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं, जिन्हें अदालत में पेश करके 10 फरवरी तक का पुलिस रिमांड मिला है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सुशील वर्मा निवासी शरमला ठियोग, सुशील शर्मा निवासी घाट पारेन ठियोग, अंशुल राणा निवासी शिलारू ठियोग और रजत ठाकुर निवासी चमियाणा शिमला शामिल हैं। यह चारों आरोपी 30 से 40 वर्ष की उम्र के हैं। 

अब तक 30 गुर्गों को किया जा चुका है गिरफ्तार
पुलिस ने इस गिरोह के मुख्य सरगना सहित अब तक 30 गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि करीब 200 अन्य लोग पुलिस की राडार पर हैं, जिनसे पुलिस पूछताछ करने में जुटी हुई है। इस सिंडिकेट के 29 बैंक खातों को फ्रीज किया जा चुका है, जिससे यूपीआई व स्कैनर के माध्यम से 4 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ है। शाह सिंडिकेट हिमाचल ही नहीं, अपितु पंजाब, हरियाणा सहित उत्तर भारत के पांच राज्यों में वांटेड है। 

युवाओं को नशे की लत में फंसाता था सिंडिकेट
चिट्टा तस्करी के मामलों की जांच में पुलिस ने पाया है कि ड्रग पैडलर पहले युवाओं को नशे की लत में फंसाते हैं और बाद में नशे की लत के कारण युवा गुनाह का रास्ता अख्तियार करने से भी पीछे नहीं हैं और आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगे हैं। चिट्टे का नशा काफी महंगा होता है और नशे के आदी बनने वाले युवा इसकी आपूर्ति के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं। यहां तक कि युवा अपने परिजनों को ही नशे की लत में फंसा देते हैं और दर्द निवारक दवा बताकर उन्हें भी इसकी लत लगा देते हैं। जिला मंडी में ऐसे 20 परिवारों का खुलासा हो चुका है, जहां पर युवाओं ने ही अपने परिजनों को चिट्टे की लत लगा डाली है। 

नशे के लिए गुनाह का रास्ता अपना रहे युवा
नशे के दलदल में फंसने के बाद युवाओं को तस्कर नशे की पैडलिंग करने पर मजबूर कर देते हैं और युवा चिट्टे की लत के कारण न केवल इसका सेवन करते हैं, अपितु इसकी तस्करी को भी बाध्य हो जाते हैं। जिला के सेब बाहुल्य क्षेत्रों में इसका जाल अधिक बुना गया है, क्योंकि सेबों से जुड़े लोग आसानी से पैसा खर्च कर देते हैं। अकेले जिला के रोहड़ू व जुब्बल क्षेत्रों के करीब 200 युवा जेल की हवा खा चुके हैं। इन दोनों उपमंडलों में नशे की ओवरडोज से 5 युवकों की जान चली गई है। पिछले वर्ष पकड़े गए 8 अंतर्राज्यीय चिट्टा गैंग का संबंध जिला शिमला के ऊपरी इलाकों से रहा है, जो जुब्बल, कोटखाई, रोहड़ू, चिड़गांव, कुमारसैन, रामपुर तक के इलाकों को कवर करते हुए युवाओं को चिट्टे का आदी बना चुके हैं। 

मिशन क्लीन के तहत किसी को भी नहीं बख्शेगी पुलिस : गांधी
एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि शिमला पुलिस की मिशन क्लीन के तहत चल रही मुहिम में किसी को नहीं बख्शा जाएगा। चाहे बड़ा सिंडिकेट हो या फिर छोटा तस्कर, पुलिस सभी को धरेगी और नशे के सौदागरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। इसके लिए पुलिस ने डिजिटल उपकरणों, साइबर सैल और जनसहभागिता से पैडलरों के खिलाफ अभियान छेड़ा हुआ है।
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