Edited By Vijay, Updated: 17 Aug, 2023 11:09 PM

पौंग बांध से छोड़े गए पानी से इंदौरा के मंड क्षेत्र के लगभग सभी संवेदनशील स्थानों से हैलीकॉप्टर के माध्यम से वीरवार को राहत एवं बचाव कार्य में लगी थल सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने वीरवार तीसरे दिन कुल 349 लोगों को सकुशल...
इंदौरा (अजीज): पौंग बांध से छोड़े गए पानी से इंदौरा के मंड क्षेत्र के लगभग सभी संवेदनशील स्थानों से हैलीकॉप्टर के माध्यम से वीरवार को राहत एवं बचाव कार्य में लगी थल सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने वीरवार तीसरे दिन कुल 349 लोगों को सकुशल बाढ़ग्रस्त क्षेत्र से निकाला। अभी 300 के करीब लोग वहीं क्षेत्र में रुके हैं। सेना और अन्य बचाव दलों ने 3 दिन में 2074 लोगों की जान को बचाते हुए उन्हें इंदौरा और फतेहपुर के जलमग्न क्षेत्रों से रैस्क्यू किया। चौथे दिन वीरवार शाम 7 बजे तक एनडीआरएफ ने 121 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जबकि वायु सेना द्वारा 228 लोगों को रैस्क्यू किया गया।

डीसी कांगड़ा डाॅ. निपुण जिंदल ने बताया कि कम खतरे वाले स्थानों से लोगों को निकालने का क्रम एनडीआरएफ द्वारा वीरवार देर शाम तक जारी रहा। प्रशासन द्वारा यहां भारतीय थल सेना की एक टीम, एनडीआरएफ की 4 टीमें व वायु सेना की 2 टीमें सक्रिय थीं। इनमें से पौंग बांध से रिलीज किए जाने वाले पानी में लगभग 30 हजार क्यूसिक की कमी की गई है व अधिकांश लोगों को रैस्क्यू कर लिया गया है। जिसे देखते हुए सेना की टीम व वायु सेना के दोनों चौपर की सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इसके साथ ही एनडीआरएफ की भी एक टीम की कटौती की गई है। अभी 3 दल ही रैस्क्यू कर रहे हैं। हैलीपैड से एचआरटीसी की बसों के माध्यम से राहत केंद्र तक लोगों को पहुंचाने की व्यवस्था की गई। प्रशासन की तरफ से जहां राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, वहीं स्थानीय स्वयंसेवी भी लोगों को राहत व खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए पहली पंक्ति में आगे आए हैं और पिछले दो दिनों से राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
वीरवार को बाढ़ में फंसे लोगों के लिए हैलीकॉप्टर के माध्यम से खाद्य सामग्री के पैकेट भी भिजवाए गए। वहीं पौंग बांध में इनफ्लो कम होने के कारण हालांकि जलस्तर में आंशिक कमी आई है लेकिन अभी भी जल स्तर खतरे के निशान से 6 फुट ऊपर चल रहा है। यदि वर्षा नहीं भी होती है तो भी अगले कुछ दिन स्थिति सामान्य नहीं हो पाएगी।बीबीएमबी अधिकारियों की मानें तो अगले एक हफ्ते तक पौंग बांध के गेट खुले रह सकते हैं। उधर, पिछले 24 घंटे में राज्य में एक व्यक्ति की मौत हुई है। प्रदेशभर में आपदा से मरने वालों की संख्या अब 126 पहुंच गई है। राज्य में 76.59 अरब से अधिक संपत्ति को नुक्सान हो चुका है।
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