Edited By Simpy Khanna, Updated: 30 Dec, 2019 10:48 AM
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड में 3,034 नौकरियों का पिटारा खुला है। इसके तहत विभिन्न तकनीकी कर्मचारियों के 2,040, जूनियर ऑफिस असिस्टैंट (आई.टी.) के 575, कनिष्ठ अभियंता के 270, जूनियर ड्राफ्ट्समैन के 125 और लॉ ऑफिसर के 3 पदों को भरने की...
शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड में 3,034 नौकरियों का पिटारा खुला है। इसके तहत विभिन्न तकनीकी कर्मचारियों के 2,040, जूनियर ऑफिस असिस्टैंट (आई.टी.) के 575, कनिष्ठ अभियंता के 270, जूनियर ड्राफ्ट्समैन के 125 और लॉ ऑफिसर के 3 पदों को भरने की अनुमति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पदों के बड़े स्तर पर खाली रहने के दृष्टिगत यह निर्णय लिया है, जिस पर शीघ्र अमल शुरू होगा।
उल्लेखनीय है कि बिजली बोर्ड में इस समय विभिन्न श्रेणियों के करीब 7,000 पद खाली पड़े हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने पहले युक्तिकरण का फैसला भी लिया था, साथ ही उत्तराखंड की तर्ज पर निचले स्तर पर कर्मचारियों की संख्या को कम करने की बात कही गई थी। इस बात का कर्मचारियों ने विरोध किया था, जिसके बाद सरकार ने नए पदों को भरने का निर्णय लिया है। बिजली बोर्ड में इस समय खाली पदों की संख्या अधिक होने के कारण ठेके और आऊटसोर्स पर काम दिया गया है। इसके चलते कामकाज भी प्रभावित हुआ है तथा भर्ती प्रक्रिया भी आगे नहीं बढ़ पाई।
क्या है बोर्ड की मौजूदा स्थिति
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड में इस समय विभिन्न श्रेणियों के करीब 7,000 पद खाली हैं। इनमें से सबसे अधिक 6,000 पद तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के खाली पड़े हैं। आंकड़ों की बात करें तो बिजली बोर्ड में वर्ष 1985 में 6 लाख विद्युत उपभोक्ता थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर करीब 20 लाख हो गई है। इसी तरह जब बिजली बोर्ड बना तो उस समय कर्मचारियों की संख्या करीब 43,000 थी, जो अब घटकर 19,000 रह गई है। बोर्ड में इस समय युवा स्टाफ की बहुत कमी है। यानी अधिकांश कर्मचारियों की औसतन आयु 40 से 50 साल के बीच है। इससे काम करने के लिए बिजली के खंभों पर चढऩे वाले कर्मचारी कम रह गए हैं। अधिक आयु वर्ग के कर्मचारियों के मजबूरन बिजली के खंभों पर चढऩे से कई कर्मचारी हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं। बिजली बोर्ड लिमिटेड में गत 2 दशकों के दौरान करीब 8,000 पदों को समाप्त कर दिया गया है।