Edited By Vijay, Updated: 29 Nov, 2020 06:18 PM
मंडी जिला के जोगिंद्रनगर उपमंडल के चल्हारग व अंद्राहलू गांव के 2 युवा अरविंद चौधरी व रविकांत ठाकुर भारतीय नौसेना में एग्जीक्यूटिव ब्रांच में सब लैफ्टिनैंट के तौर पर पासआऊट होकर अफसर बने हैं। दोनों युवाओं ने यह पद हासिल करके अपने मां-बाप के साथ-साथ...
जोगिंद्रनगर (अमिता बंटा): मंडी जिला के जोगिंद्रनगर उपमंडल के चल्हारग व अंद्राहलू गांव के 2 युवा अरविंद चौधरी व रविकांत ठाकुर भारतीय नौसेना में एग्जीक्यूटिव ब्रांच में सब लैफ्टिनैंट के तौर पर पासआऊट होकर अफसर बने हैं। दोनों युवाओं ने यह पद हासिल करके अपने मां-बाप के साथ-साथ क्षेत्र, जिला व प्रदेश का नाम रोशन किया है। बता दें कि चल्हारग गांव के अरविंद चौधरी अपनी शिक्षा सैनिक स्कूल सुजानपुर से पूरी करने के बाद एनडीए की परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद अभी हाल ही में नेवल अकादमी केरल से अपनी पढ़ाई पूरी करके सब-लैफ्टिनैंट के पद पर पासआऊट हुए हैं।
अरविंद के पिता यशपाल चौधरी लंदन में एग्जीक्यूटिव शैफ हैं व माता रानी देवी गृहिणी हैं, वहीं भाई अनिकेत गोवा विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई कर रहा है। अरविंद ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, भाई व मित्रों के साथ ड्राइंग अध्यापक नाथू राम ठाकुर को दिया है। ऐजीमला अकादमी केरल से पासआऊट होने के बाद अरविंद ने परिजनों से फोन पर बात की तो उनकी आंखों में आंसू छलक आए। सब लैफ्टिनैंट बनने पर अरविंद के माता-पिता को इसी बात का मलाल रहा कि वे अपने लाडले के कंधों पर अपने हाथों सितारे नहीं लगा सके।
उधर, उपमंडल के डाकघर बिहूं के अंद्राहलू गांव के रविकांत ठाकुर भी बतौर सब लैफ्टिनैंट पासआऊट हुए हैं। बता दें कि रविकांत ने 10वीं व जमा-2 की शिक्षा केंद्रीय विद्यालय जाखू शिमला से पूरी की व उसके बाद बेंगलुरु से अक्तूबर 2016 में एसएसबी परीक्षा पास की तथा जनवरी 2017 में राष्ट्रीय नेवल अकादमी में प्रवेश लिया। रविकांत ठाकुर 99वें भारतीय अकादमी कोर्स बीटैक में प्रशिक्षण पूरा कर अधिकारी बने। अब रविकांत दिसम्बर के अंत में प्रथम स्क्वाड्रन कोची में अपनी सेवाएं देंगे।
रविकांत के पिता दौलत राम ठाकुर हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कार्यरत हैं, वहीं माता बनीता गृहिणी हैं। रविकांत ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों व मित्रों को दिया है। कोरोना वायरस के चलते दोनों युवाओं के परिजनों की अनुपस्थिति में सैन्य अधिकारियों ने ही अभिभावक बनकर सब लैफ्टिनैंट बने दोनों युवाओं के कंधों पर सितारे लगाए।